Indirect tax refund : देशभर में कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है. अब इन कारोबारियों के इनडायरेक्ट टैक्स का निपटान जल्दी होने वाला है. इसके लिए सरकार ने कारोबारियों के अप्रत्य कर रिफंड (Indirect Tax Refund) और सीमा शुल्क ड्रॉ बैक (वापसी) के दावों के शीघ्र निस्तारण के लिए एक अभियान शुरू किया है. यह अभियान इस माह के अंत तक चलाया जाएगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (CBIC) ने गुरुवार को इस बाबत सीमा शुल्क एवं केंद्रीय कर विभाग के प्रधान मुख्य आयुक्तों को पत्र लिख कर व्यावसायिक इकाइयों, खास कर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) क्षेत्र की इकाइयों को तत्काल राहत पहुंचाने को कहा है.

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‘रिफंड और ड्रॉबैक (वापसी) विशेष अभियान’ नाम से यह मुहिम इस माह के अंत तक चलाई जाएगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, निर्यातकों की मदद के लिए इसमें सभी पत्र व्यवहार आवेदक के उपलब्ध ई-मेल आईडी पर करने को कहा गया है. समझा जाता है कि करों और सीमा-शुल्क वापसी योजनाओं के तहत इकाइयों के 18,000 करोड़ रुपये के दावे लम्बित हैं.

वित्त मंत्रालय ने इससे पहले बुधवार को कहा था कि कोविड- 19 से राहत पहुंचाने के लिए उसने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) और सीमा शुल्क के सभी रिफंड जारी करने का फैसला किया है. इससे एमएसएमई (MSME) सहित करीब एक लाख छोटे उद्यमियों को फायदा होगा.

क्या होता है इनडायरेक्ट टैक्स

यह एक ऐसा टैक्स है जो अप्रत्यक्ष रूप से सरकार तक पहुंचती है. इस तरह के टैक्स, डायरेक्ट टैक्स के बिल्कुल उलट होते हैं. राज्य के द्वारा खपत, आयात, निर्यात और उत्पादन इत्यादि पर जो टैक्स लगाया जाता है वह इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect tax) होता है.

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इनडायरेक्ट टैक्स को सीधे आय या संपत्ति पर नहीं लगाया जाता और न ही इनको किसी भी पर्ची पर दिखाया जाता है. उत्पादों की कीमत को बढ़ाने के लिए इनडायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी की जा सकती है. इनडायरेक्ट टैक्स एक चल टैक्स है.