केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री (Union Minister of Industry and Commerce) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि अगर कोई देश भारतीय सामानों के लिए रुकावट पैदा करता है तो भारत अपने घरेलू मैनुफैक्चरिंग की रक्षा करने के लिए कड़े कदम उठाएगा और बराबर जवाब देगा. उन्होंने फिनलैंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स (Finland Chambers of Commerce) की 10वीं मीटिंग में कहा कि अगर कोई देश कम क्वालिटी वाले प्रॉडक्ट्स का एक्सपोर्ट जारी रखता है या भारत में प्रॉडक्ट्स को डंप करता है या भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का फायदा उठाकर इसके जरिये अपने प्रॉडक्ट को आगे बढ़ाता है, तो ऐसे मामलों में भारत कार्रवाई करेगा.

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गोयल ने चेतावनी देते हुए कहा कि कई एफटीए भागीदार देश भारतीय सामानों को मंजूरी नहीं देते हैं, वह भी तब जब कि वे एफटीए सिस्टम का हिस्सा हैं. वे शुल्क से इतर रोक लगाते हैं या अड़चन डालने के लिए दूसरे उपाय करते हैं. अब वे दिन गए जब भारत चुपचाप बैठकर यह सब देखता रहता था और बर्दाश्त करता था. उन्होंने कहा कि भारत को अपने खुद के उपायों की योजना बनानी होगी चाहे वह डंपिंग रोधी शुल्क या कुछ दूसरे पाबंदियों के जरिये से हो. उन्होंने कहा कि हमें भारत के घरेलू  मैनुफैक्चरिंग की सुरक्षा के लिये बराबर उपाय करने होंगे.

गोयल ने यह भी कहा कि सरकार भारत में कंपनियों को आमंत्रित करने के लिये 'प्लग एंड प्ले' बुनियादी ढांचा, तेज मंजूरी, ज्यादा किफायती वित्त और कम रसद लागत प्रदान करने पर विचार कर रही है. ‘प्लग एंड प्ले’ ऐसी व्यवस्था को कहा जाता है, जिसके तहत कंपनियों को पहले से सारी बुनियादी सुविधाएं तैयार मिलती हैं और उन्हें आकर सीधे ऑपरेशन शुरू करना होता है.

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उन्होंने कहा कि हम वैश्विक व्यापार में शामिल देशों और पारदर्शी और नियम आधारित ईमानदार व्यवस्था में विश्वास रखने वाले देशों के पसंदीदा और भरोसेमंद व्यापारिक भागीदार बनना चाहते हैं. मुझे लगता है कि फिनलैंड और भारत भागीदारों के रूप में काम करने के लिए सबसे सही हैं. उन्होंने कहा कि भारत और फिनलैंड के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार 2.5 अरब डॉलर का है. यह पूरी निहित संभावनाओं का बेहद छोटा हिस्सा है. यदि दोनों देश एक साथ काम करते हैं, तो हम अपने व्यापार में बड़ा उछाल देख सकते हैं.