IL&FS NCLT Plea: आईएलएंडएफएस समूह ने शेयरधारकों की मंजूरी के बिना कुछ कटौती (हेयरकट) के साथ अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए एनसीएलएटी का रुख किया है. इन दिवालिया कंपनियों को गैर-टिकाऊ ऋण के साथ समाधान ढांचे की श्रेणी-2 के तहत रखा गया है. श्रेणी-2 के तहत आने वाली समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए आईएलएंडएफएस के अंतरिम आवेदन पर इस सप्ताह की शुरुआत में अंतिम सुनवाई हुई. 

IL&FS NCLT Plea: NCL ने जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय, अधिकतम बोली कर्ज से कम 

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आईएलएंडएफएस के अंतरिम आवेदन पर सुनवाई के दौरान सरकार ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. इन कंपनियों के लिए मिली अधिकतम बोली उनके कर्ज से कम है. ऐसे में ऋणदाताओं के साथ ही शेयरधारकों को भी अपने संबंधित ऋण और इक्विटी में कटौती करनी होगी. आईएलएंडएफएस ने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो इससे हितधारकों के हितों को संतुलित करने के साथ ऐसी इकाइयों के पुनरुद्धार का रास्ता भी साफ होगा. 

IL&FS NCLT Plea: NCLT से मिली थी बड़ी राहत, 14 मई  को होगी अलगी सुनवाई

आईएलएंडएफएस ने कहा कि ऐसी कंपनियों का समाधान आईबीसी के तहत अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के अनुरूप है, जहां शेयरधारकों की मंजूरी लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है. आपको बता दें कि IL&FS को हाल ही में NCLT से बड़ी राहत मिली थी. ट्रिब्यूनल ने 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 14 मई को अगली सुनवाई तक आईएल एंड एफएस और उसकी समूह कंपनियों के खिलाफ किसी तरह की ‘जबरिया’ कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिए थे. 

IL&FS NCLT Plea: RBI कोदाखिल करना होगा जवाब,  अगले आदेश तक लगा दी थी रोक

गौरतलब है कि एनसीएलएटी की पीठ ने बैंकों के साथ-साथ आरबीआई को भी नोटिस जारी कर वाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. एनसीएलएटी ने 15 अक्टूबर, 2018 को आईएलएंडएफएस और अन्य समूह कंपनियों के खिलाफ सभी कार्यवाही पर अपने अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. इसने आईएलएंडएफएस के ऋणदाताओं को ऋण न चुकाने की स्थिति में मुकदमा दायर करने से भी रोक दिया था.

एजेंसी इनपुट के साथ.