उज्‍जवला योजना के तहत अब रसोई गैस सिलेंडर गांवों और गरीब तबकों के बीच भी पहुंच चुके हैं. इसके चलते सिलेंडरों की खपत काफी बढ़ी है. ऐसे में आप चाहें तो गैस एजेंसी खोलकर एलपीजी सिलेंडर के बिजनेस की शुरुआत भी कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी, साथ ही मोटी रकम भी अपने पास रखनी होगी. यहां जानिए इसकी पूरी प्रक्रिया.

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4 तरह की डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप

चार तरह की डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप होती है- अर्बन, रूर्बन, ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक. आवेदन करने से पहले इलाके का सर्वे जरूर कर लें, ताकि आपको ये पता चल सके कि आपके इलाके में किस तरह की एजेंसी का लाइसेंस मिल सकता है. उसी के हिसाब से अप्‍लाई करें.

लाइसेंस के लिए इन शर्तों को पूरा करना जरूरी

  • आवेदक का भारतीय होना जरूरी है और उम्र 21 से 60 के बीच होनी चाहिए.
  • आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना चाहिए.
  • परिवार का कोई भी सदस्‍य ऑयल मार्केटिंग कंपनी का एम्‍प्‍लॉई न हो.
  • गैस एजेंसी के लिए आवेदन करने के लिए 10 हजार रुपए तक शुल्‍क लगेगा जो नॉन रिफंडेबल होगा.
  • एजेंसी खोलने के लिए आपके पास कम से कम 15 लाख रुपए होने चाहिए. ये पैसा एलपीजी सिलेंडरों को स्टोर करने के लिए गोदाम और एजेंसी के कार्यालय बनवाने में खर्च होता है.

कब कर सकते हैं अप्‍लाई

भारत गैस, इंडेन गैस और एचपी गैस, ये तीन सरकारी कंपनियां हैं जो डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप प्रदान करती हैं. हालांकि इसके लिए कंपनी की तरफ से कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. ये कंपनियां समय-समय पर एजेंसी शुरू करने के लिए अखबारों और https://www.lpgvitarakchayan.in/ वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी करती हैं. इस नोटिफिकेशन का ध्‍यान रखें. नोटिफिकेशन के बाद ही आप एजेंसी के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. 

अप्‍लाई करने का तरीका

सबसे पहले https://www.lpgvitarakchayan.in/ पर जाकर खुद को रजिस्‍टर करें. अपनी जानकारी देकर प्रोफाइल बनाएं. इसके बाद अप्‍लाई करें. एचपी की वेबसाइट के मुताबिक आवेदन के बाद आवेदक का इंटरव्‍यू होता है और तमाम पैरामीटर के हिसाब से नंबर दिए जाते हैं. कुछ समय बाद रिजल्‍ट जारी किया जाता है.

चुनाव के बाद होता है वेरिफिकेशन

अगर उसमें आपका नंबर आ गया तब आपके द्वारा दी गई जानकारी, डॉक्‍यूमेंट्स और क्रेडेंशियल्स का फील्ड वेरिफिकेशन किया जाता है. चुने गए आवेदकों को ब्रोशर में लिख गए दस्तावेजों को जमा करना होगा और क्रेडेंशियल के फील्ड वेरिफिकेशन से पहले डिपॉजिट का 10% भुगतान करना होगा.  छानबीन और जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक को लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगा. इसके बाद आवेदक को जिस कंपनी की एजेंसी लेनी है, उसके लिए सिक्योरिटी जमा करना होगा. सिक्‍योरिटी की राशि कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग है. इसके बाद आपके नाम गैस एजेंसी अलॉट कर दी जाती है.