Gold jewelery hallmarking: गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) के मुद्दे पर शनिवार को बीआईएस (BIS) ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा है कि सरकार ने कहा हॉलमार्किंग प्रक्रिया लागू होने के बाद से लगातार आगे बढ़ रही है. बीआईएस के डायरेक्टर जनरल ने यह बात कही है. बता दें कि गोल्ड हॉलमार्किंग को लेकर ज्वेलर्स की तरफ से कई शिकायते हैं. इन्हीं शिकायतों को लेकर सरकार ने जवाब दिया है. इसमें कहा गया है कि जिस दिन इसे लागू किया गया था, उस दिन महज 35,000 ज्वेलर्स रजिस्टर्ड हुए थे, आज 91,603 ज्वेलर्स इसके दायरे में रजिस्टर्ड हैं. 

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हॉलमार्क स्कीम को ज्वेलर्स का पूरा साथ

बीआईएस (BIS) ने सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर पक्ष रखते हुए कहा कि अभी 860 हॉलमार्क सेंटर्स हैं. 1 जुलाई से 20 अगस्त तक इन सेंटर्स को 1 करोड़ 17 लाख ज्वेलरी पीस हॉलमार्क के लिए मिली है और इसमें से 1 करोड़ 2 लाख ज्वेलरी हॉलमार्क की गई. BIS के मुताबिक हॉलमार्क स्कीम को ज्वेलर्स का पूरा साथ मिल रहा है. 

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1-15 जुलाई के बीच एक दिन में 3,90,000 ज्वेलरी हॉलमार्क 

खबर के मुताबिक, 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच सेंटर्स को 14, 28,000 ज्वेलरी पीस हॉलमार्क के लिए मिले थे, जबकि आज स्थिति ये है कि 1 अगस्त-15 अगस्त के बीच 41, 81,000 ज्वेलरी पीस मिले हैं. सिर्फ 15 अगस्त को ही एक दिन में 3,90,000 ज्वेलरी हॉल मार्क की गई है. 

हर रोज 500 से ज्यादा ज्वेलरी पीस हॉलमार्क के लिए मिल रहे

बीआईएस के डीजी ने कहा कि सबसे बड़ा चैलेंज यह है कि तमाम हॉलमार्क सेंटर की कैपेसिटी under utilized है. 860 सेंटर्स में से सिर्फ 160 सेंटर्स को हर रोज 500 से ज्यादा ज्वेलरी पीस हॉलमार्क के लिए मिल रहे हैं. जबकि 529 सेंटर को एक दिन में बमुश्किल 100 ज्वेलरी ही मिल रही है. हॉलमार्किंग स्कीम के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी की अब तक तीन मीटिंग हो चुकी है. स्कीम के लिए गठित एडवाइजरी कमेटी की अब तक 6 बैठक हो चुकी है, हालिया मीटिंग 19 अगस्त को हुई थी.