देश के प्रमुख कारोबारी समूह रेमंड ग्रुप के प्रमोटर और चेयरमैन गौतम हरि सिंघानिया ने अपने पिता विजयपत सिंघानिया के साथ चल रहे विवादों पर सफाई देते हुए कहा है कि अगर कोई ये सोचता है कि उन्होंने अपने पिता को निकाल दिया है, तो वो गलत है. उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें कई बार ऑफर दिया कि आइए और मेरे साथ रहिए.' समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम सिंघानिया ने कहा, 'वे मेरे पिता हैं और 81 साल के हैं. अगर मैं उनकी देखभाल नहीं करूंगा तो कौन करेगा? कई लोगों ने उन्हें मेरे साथ लाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकामयाब रहे.'

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विजयपत सिंघानिया रेमंड समूह के संस्थापक हैं और उन्हें बीते साल अक्टूबर में रेमंड समूह के अवकाशप्राप्त अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बेटे गौतम को 37% हिस्सेदारी गिफ्ट कर दी थी, जिसकी कीमत 1000 करोड़ रुपये थी, इसके बाद गौतम ने उन्हें जेके हाउस में डुप्लेक्स देने से इनकार कर दिया और उनके साथ बुरा बर्ताव किया.

हालांकि विजयपत सिंघानिया के इन आरोपों पर गौतम ने कहा कि उनके पिता के पास काफी पैसा है, और वो उस व्यक्ति के जीवन भर आभारी रहेंगे जो उनके पिता को वापस उनके पास लाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता के साथ विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने में खुशी होगी. हालांकि वे इसके लिए ऐसी बात को नहीं मान सकते जो कानून के खिलाफ हो या जो उनके लिए संभव न हो.

गौतम सिंघानिया ने कहा कि वे जल्द ही रेमंड समूह की सभी कंपनियों के चेयरमैन पद से हट जाएंगे और रोजमर्रे के कामकाज से खुद को अलग कर लेंगे. उन्होंने कहा कि वे ऐसा संगठन बनाना चाहते हैं जो प्रमोटर के हस्तक्षेप के बिना स्वतंत्र रूप से काम करे. उन्होंने बताया कि वे पहले ही एफएमसीजी कंपनी और रेमंड एपरल के चेयरमैन पद से हट चुके हैं. जल्द ही वे जेके फाइल्स और रिंग प्लस एक्वा से भी हट जाएंगे. वे फ्लैगशिप कंपनी रेमंड लिमिडेट के शीर्ष पद से भी हट सकते हैं.