गुजरात में भावनगर के किसानों ने एक अनोखा रास्ता दिखाया है. इससे पहले दलाल उनकी सब्जी और फल सस्ते में खरीदकर किसानों को कम रकम देते थे और खुद मोटा मुनाफा कमाते थे, वहीं अब किसान खुद अपनी सब्जी और फ्रूट की दुकान खोलकर मुनाफा कर रहे है. भावनगर में किसानों ने मिलकर 'प्राकृतिक खेती बिक्री केंद्र' खोला है. अब किसानों को सब्जी और फल के अच्छे दाम मिल रहे हैं, और मुनाफे का मार्जिन, पहले होलसेल में मिलने वाली कीमत के मुकाबले 20% से 50% तक बढ़ गया है.

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इस पूरी प्रक्रिया को शुरू करने वाले भावनगर के भरतभाई जम्बुवा जब 2006 में अपने पिता की ओर से होलसेल मार्किट में फल सब्जी बेचने गए तो हैरान रह गए. उनको नहीं के बराबर दाम मिला. बाद में उन्होंने मन बनाया कि अब वह खुद अपनी खेती के उत्पाद बेचेंगे और अपने तरीके से फिर वह सीधा मार्किट में बेचने लगे.

 

इसके बाद उन्हें विचार आया कि दूसरे किसानों को भी साथ क्यों न जोड़ा जाए? यह विचार करके फरवरी 2019 में उन्होंने किसानों की खुद की रिटेल दुकान खोली, जहां पर सब्जी और फल बेच रहे हैं. इस केंद्र से सीधे किसानों के लिए मार्केटिंग की एक प्रणाली बनाई. इस केंद्र के माध्यम से भावनगर जिले में चावल, बैंगन, लौकी, स्वाद, मेथी, चीकू, दालम जैसी सब्जियां उगाने वाले किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं.

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए इस केंद्र के संस्थापक भरतभाई जंबुहा कहते हैं, 'अब हमारे पास 15 से 40 किसान हैं जो इस केंद्र में अपनी सब्जियां और फल बेच रहे हैं और अब हमें थोक मूल्यों से अच्छे मूल्य खुदरा व्यापार से मिलते हैं.' भावनगर मार्केटिंग यार्ड के वाणिज्यिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्रसिंह कहते हैं, 'सरकार ने सब्जियों और फलों को APMC के बिक्री केंद्र से बाहर रखा है और किसानों का ये प्रयास अच्छा है.'