कमजोर मांग के चलते छह से सात लाख बिना बिके मकानों के अनुमानित किराये पर लगने वाले कर से राहत बढ़ाकर दो साल किए जाने पर रीयल्टी क्षेत्र के डेवलपरों ने राहत की सांस ली है. रीयल्टी क्षेत्र लंबे समय से नकदी के संकट से जुझ रहा है. हालांकि उनका मानना है कि इस छूट का ज्यादातर लाभ सात-आठ बड़े शहरों के डेवलपरों को होगा. डेवलपरों और संपत्ति सलाहकारों का मानना है कि अंतरिम बजट के इस प्रस्ताव का लाभ अधिकतर दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र जैसे सात-आठ बड़े शहरों के डेवलपरों को होगा, क्योंकि सबसे ज्यादा बिना बिके मकान इन्हीं शहरों में मौजूद है.

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स्वागत योग्य कदम 

वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने गैर-बिके मकानों पर अनुमानित किराये पर लगने वाले कर से मिलने वाली छूट को एक साल से बढ़ाकर दो साल करने का प्रस्ताव किया है. इसकी गणना परियोजना खत्म होने वाले साल के अंत से की जाएगी. इस प्रस्ताव पर एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘ यह एक स्वागत योग्य कदम है और इससे आवासीय क्षेत्र को फायदा होगा. मौजूदा समय में देश के शीर्ष सात शहरों में 6.73 लाख बिना बिके मकान हैं. इसमें दिल्ली-एनसीआर में 1,86,710 और मु्ंबई क्षेत्र में 2,19,490 मकान बचे हुए हैं.

डेवलपरों के लिए यह एक बड़ी राहत

मोतीलाल ओसवाल रीयल एस्टेट फंड के प्रमुख शरद मित्तल ने कहा कि डेवलपरों के लिए यह एक बड़ी राहत है. इससे उन्हें अपने बिना बिके मकानों को बाजार में बेचने के लिए और अधिक समय मिलेगा. महागुन के निदेशक धीरज जैन के अनुसार यह डेवलपरों के लिए एक राहत भरा कदम है. सुमधुरा समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मधूसूदन जी ने कहा कि यह प्रस्ताव ‘आंशिक राहत’ देने वाला है.

रीयल एस्टेट क्षेत्र में खरीदारी बढ़ेगी

रीयल्टी डेवलपरों ने कहा कि दूसरे घर की खरीद पर प्रोत्साहन और पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को आयकर से छूट देने के प्रस्ताव पर भी खुशी जाहिर की. सेंचुरी रीयल एस्टेट के प्रबंध निदेशक रविंद्र पई ने कहा, ‘‘यह बजट मुख्य तौर से मध्यवर्ग पर केंद्रित है. मुझे उम्मीद है कि इस अतिरिक्त खर्च योग्य आय के बढ़ने से रीयल एस्टेट क्षेत्र में खरीदारी बढ़ेगी और इससे क्षेत्र में मांग बढ़ेगी.’’ 

लोगों की क्रयशक्ति बढ़ेगी

गौर्स के प्रबंध निदेशक मनोज गौर और गुलशन होम्ज के निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर पूर्ण कर छूट देने के प्रस्ताव से लोगों की क्रयशक्ति बढ़ेगी और अब हो सकता है कि वह घर खरीदने के बारे में सोचें. प्रतीक समूह के चेयरमैन प्रशांत तिवारी ने कहा कि लाभ पर 100 प्रतिशत कटौती से रीयल्टी कंपनियों को अगले वित्त वर्ष में सस्ते आवास बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. इससे सस्ते आवासों की उपलब्धता बढ़ेगी.

 

फाइल फोटो

घर का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी

अजनारा समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अशोक गुप्ता ने कहा कि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को आयकर छूट देने के प्रस्ताव से लोगों को अपने खुद के घर का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी. सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि आयकर की धारा 80 आईबीए के तहत कर कटौती का लाभ हासिल करने के लिए किफायदी आवास निर्माण परियोजनाओं के लिए मंजूरियां हासिल करने की अवधि एक साल बढ़ा कर 31 मार्च 2030 किए जाने के प्रस्ताव को सस्ते आवासों की उपलब्धता बढ़ाने में मददगार बताया.