Drug quality new rule: दवाओं (Drugs) की क्वालिटी खराब पाए जाने पर अब दवाओं की मार्केटिंग करने वाली कंपनियां (Drug marketing companies) भी जिम्मेदार होंगी. सरकार ने ड्रग्स कॉस्मैटिक एक्ट (Drug Cosmetic Act) में बदलाव कर इसे अमल में लाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. अब से पहले तक केवल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की ही जवाबदेही तय थी. अगले साल मार्च से यह नियम लागू हो जाएगा. वैसी बड़ी कंपनियां जो छोटी कंपनियों से दवा बनवाकर मार्केटिंग करती थीं, अब वह भी जिम्मेदारी होंगी. नए नियम में कहा गया है कि दवा में अगर मिलावट पाई गई तो आजीवन सज़ा होगी.

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दवाओं को लेकर केंद्र सरकार (Central government) की सबसे बड़ी सलाहकार संस्था ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने वर्ष 2018 में इस बात की सिफारिश की थी, जो दवा बनाने वाली कंपनियां हैं, उनके साथ-साथ मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को भी जिम्मेदार माना जाए. 

मौजूदा कानून के तहत जो कंपनियां दवाएं बनाती हैं, वही जिम्मेदार मानी जाती हैं. इसी का फायदा बड़ी कंपनियां उठाती थीं. वह लाइसेंस लेकर खुद मार्केटिंग करती थीं, जबकि मैन्युफैक्चरिंग किसी छोटी कंपनी से कराती थीं और बच निकलती थी. लेकिन अब केंद्र सरकार ने जो नियम जारी किया है उसके तहत दवाओं की क्वालिटी खराब पाए जाने पर तीन से पांच साल की सजा हो सकती है. अगर मामला मिलावट का निकला तो आजीवन सजा देने का प्रावधान किया गया है.

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सरकार ने दवा कंपनियों को इन चीजों को दुरुस्त करने के लिए एक साल का मौका दिया है. नए नियम मार्च 2021 से अमल में आ जाएगा. दवाओं को लेकर कई तरह के विवाद हमेशा सामने आते रहे हैं. कभी इसमें मिलावट या कभी नकली दवा की शिकायत देखने को मिलती हैं. सरकार के इस नियम से आम आदमी को फायदा होगा.