दिल्ली की एक अदालत ने ब्लूमबर्ग को आदेश दिया है कि वो जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के खिलाफ प्रकाशित 'अपमानजनक' लेख को हटाए. ZEEL ने दिल्ली सत्र न्यायालय में अपना पक्ष रखा. उसने तर्क रखा कि ब्लूमबर्ग का लेख झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत था. कंपनी को बदनाम करने के इरादे से इसे प्रकाशित किया गया था. ये रिपोर्ट 21 फरवरी को प्रकाशित की गई थी और इस वजह से कंपनी के शेयर में गिरावट आई. दिल्ली सेशन्स कोर्ट ने इसे अवमानना-जनक पाया और ब्लूमबर्ग को ZEEL पर भ्रामक और फर्जी रिपोर्ट हटाने का आदेश दिया.

241 मिलियन डॉलर के अकाउंटिंग इश्यू की खबर

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ब्लूमबर्ग ने अपने आर्टिकल में कहा कि SEBI यानी  सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने जी एंटरटेनमेंट लिमिटेड के अकाउंटिंग में 241 मिलियन डॉलर को लेकर कुछ गड़बड़ पाया है. अभी तक SEBI की तरफ से इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. कंपनी ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया, इसके बावजूद ब्लूमबर्ग ने सेबी आदेश के बिना आधार विहीन रिपोर्ट छाप दी.

1 हफ्ते के भीतर आर्टिकल हटाने का आदेश

ZEEL की तरफ से पेश हुए वकील ने  28 फरवरी को सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह के भ्रामक रिपोर्ट से कंपनी को काफी नुकसान हुआ है. एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज हरजोत सिंह भल्ला ने जी एंटरटेनमेंट लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाया. ब्लूमबर्ग से कहा गया कि वह एक हफ्ते के भीतर डिफेमेटरी आर्टिकल को हटाए.