Covid-19 in India: कोरोना वायरस (Coronavirus) के दूसरे लहर का देश के खुदरा कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. देश में हर रोज लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मरीजों की संख्या ने उपभोक्ताओं के मन में एक तरह से खौफ पैदा कर दिया है. यह बात कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कही है. कैट के मुताबिक, नाइट कर्फ्यू (Night curfew), आंशिक लॉकडाउन और दूसरे कदम उठाने से खुदरा कारोबार पर काफी असर हुआ है.

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थोक व्यापार भी हुआ कमजोर (Wholesale trade also weak) 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि यह बात हम महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के व्यापारियों से बातचीत के आधार पर कह रहे हैं. इसमें कैट का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में देश के अलग-अलग राज्यों के खुदरा व्यापार में 30 प्रतिशत की कमी आई है, इसी तरह, नाइट कर्फ्यू के चलते एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले माल की कम ढुलाई होने से करीब 15 से 20 प्रतिशत के व्यापार की गिरावट थोक व्यापार में आई है. 

उपभोक्ताओं की आवाजाही 50% घटी (Consumer movement decreased by 50%) 

बाज़ारों में उपभोक्ताओं का आना-जाना करीब 50 प्रतिशत कम हो गया है. खबर के मुताबिक, करीब सारे देश में दिन में मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर बैन है जो रात 9 बजे खुलता है लेकिन तब तक ज्यादातर राज्यों में नाइट कर्फ्यू लग जाता है इसलिए थोक माल की आवाजाही पर भी 15 से 20 प्रतिशत कमी आई है. 

नाइट कर्फ्यू पर कैट का ओपिनियन (CAIT Opinion on Night Curfew) 

कैट के राष्ट्रीय वाइस चैयरमैन ब्रजमोहन अग्रवाल और राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल का कहना है कि कैट ने देश में कोविड की दूसरी लहर की शुरुआत से ही यह कहा है की नाइट कर्फ्यू या लॉक डाउन कोविड से निपटने का कोई हल नहीं है. इस बार कोविड महामारी से निपटने के लिये कैट ने लगातार सरकार से सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत करते हुए सबके सहयोग से एक मजबूत रणनीति बनाए जाने पर जोर दिया है.

 

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