सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों IOC, BPCL और HPCL को जुलाई-सितंबर में लगातार दूसरी तिमाही में कुल 2,748.66 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. सरकार द्वारा एकबारगी एलपीजी के लिए भुगतान (one-time LPG payout) पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं कर सका. तीन ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने शेयर बाजारों को बताया कि कंपनियों को यह नुकसान पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी पर मार्केटिंग मार्जिन में गिरावट के कारण हुआ. पिछले दो वर्षों में रसोई गैस एलपीजी (LPG price)को लागत से कम दरों पर बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिए गए 22,000 करोड़ रुपए के एकमुश्त सरकारी अनुदान से नुकसान कम हुआ.

सात महीने तक कीमत स्थिर रही

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इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (Indian Oil), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने लगातार सात महीने तक दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इन्हें लागत के अनुरूप प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करना होता है. 

पहली छमाही का कुल घाटा 21201 करोड़ का

आईओसी ने 29 अक्टूबर को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए 272.35 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले तीन महीनों में 1,995.3 करोड़ रुपए के नुकसान के पीछे आया था. तीन नवंबर को, एचपीसीएल ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2,172.14 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया, जो अप्रैल-जून में अपने अबतक के सबसे अधिक 10,196.94 करोड़ रुपए के तिमाही नुकसान के पीछे था. बीपीसीएल का घाटा जुलाई-सितंबर तिमाही में 304.17 करोड़ रुपए रहा. पहली तिमाही में उसे 6,263.05 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. एक अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए कंपनियों का संयुक्त घाटा 21,201.18 करोड़ रुपए रहा.

किस कंपनी को कितना योगदान मिला है?

आईओसी ने बीती तिमाही के समाप्त होने के बाद सरकार से प्राप्त एलपीजी सब्सिडी के लिए 10,800 करोड़ रुपए का योगदान दिया, जबकि एचपीसीएल ने 5,617 करोड़ रुपए प्राप्त किए. वहीं बीपीसीएल को 5,582 करोड़ रुपए का एकमुश्त अनुदान मिला.

पेट्रोलियम मंत्री ने क्या कहा?

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले हफ्ते संकेत दिया था कि उनका मंत्रालय सरकार को महंगाई से लड़ने में मदद करने के लिए यूक्रेन युद्ध के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बनाए रखने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय से सहायता मांगेगा. उन्होंने दो नवंबर को संवाददाताओं से यह पूछे जाने पर कि ‘क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में नरमी के अनुरूप कीमतों में कमी की गई है’ कहा था, ‘‘ओएमसी (पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों) को अभी भी डीजल की बिक्री पर नुकसान हो रहा है.’’

IOCL के लिए यह छमाही और पिछले साल का प्रदर्शन

Indian Oil को अप्रैल-सितंबर छमाही में 2,264.88 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 12,301.42 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था और पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में 24,184.10 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था.

BPCL के लिए यह छमाही और पिछले साल का प्रदर्शन

इसी तरह, बीपीसीएल को इस दौरान 6,567.22 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. अप्रैल-सितंबर 2021 में इसे 6,033.82 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था और इसने 2021-22 में 11,363.55 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था.

HPCL के लिए यह छमाही और पिछले साल का प्रदर्शन

वहीं एचपीसीएल को चालू वित्त वर्ष की पहली 12,369.08 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी को 6,282.63 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था. अप्रैल-सितंबर 2021 में उसे 3,718.51 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था.