Axis Finance: बॉम्बे हाईकोर्ट से एक्सिस फाइनेंस को तगड़ा झटका लगा है. एक कमर्शियल केस में कई कंपनियों को पार्टी बनाने की अपील को खारिज कर दिया गया है. दरअसल, एक्सिस फाइनेंस ने डॉ. सुभाष चंद्रा के खिलाफ कमर्शियल सूट फाइल किया था. 146 करोड़ रुपए के इस मामले में एक्सिस फाइनेंस ने Zeel, Sony और एसेल ग्रुप की मॉरीशस कंपनी को पार्टी बनाने के लिए अर्जी दी थी. इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अर्जी को खारिज कर दिया.

अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने क्या कहा

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हाईकोर्ट ने अर्जी को नकारते हुए कहा कि इस तरह के मुकदमे में इस तरह की अर्जी लगाने से मुकदमा ही बदल गया. केस का नेचर ही पूरी तरह बदल गया है. दरअसल, जिन कंपनियों को पार्टी बनाने की बात अर्जी में कही गई थी, वो विदेशी कंपनियां हैं. ऐसे पक्षों के खिलाफ केस संभव नहीं, जो कानून अधिकार क्षेत्र से बाहर हो. एक्सिस फाइनेंस ने डॉ. सुभाष चंद्रा के खिलाफ 146 करोड़ रुपए के लिए कमर्शियल केस किया था. इसमें एक्सिस फाइनेंस ने ZEEL, सोनी ग्रुप, एस्सेल मॉरीशस का नाम जोड़ने की अर्जी दी थी. डॉ सुभाष चंद्रा के खिलाफ अर्जी में पक्षकार बनाने की अर्जी दी थी. इसे खारिज किया गया है.

एक्सिस फाइनेंस लिमिटेड के लिए बड़ा झटका

अर्जी खारिज होना एक्सिस फाइनेंस लिमिटेड के लिए एक बड़ा झटका है, जो माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट से किसी भी तरह की राहत की उम्मीद कर रही थी. लेकिन, विफल रही. इससे पहले एक्सिस फाइनेंस ने डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका सहित अन्य के खिलाफ 2021 का एक कमर्शियल केस (मुकदमा नंबर 14) दायर किया था. मुकदमे में एक्सिस फाइनेंस ने डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनित गोयनका के खिलाफ फैसले से पहले कुर्की की प्रकृति में अंतरिम राहत के लिए अर्जी दी थी. पक्षों को सुनने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 मार्च 2021 को एक्सिस फाइनेंस की अर्जी को खारिज कर दिया, क्योंकि ये मेरिट पर खरा नहीं उतरा. 

बार-बार कोर्ट में लगा झटका

16 मार्च 2021 के अपने आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका लोन एग्रीमेंट और समझौते के लिए बनाई गई सिक्योरिटीज के पक्षकार नहीं हैं. इसलिए कोर्ट ने एक्सिस फाइनेंस को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था. Commercial Summary Suit में किसी तरह की राहत नहीं मिलने पर एक्सिस फाइनेंस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में साल 2022 में कमर्शियल सूट (मुकदमा नं 252) फाइल किया था. 

2022 के मुकदमे में भी राहत नहीं

कमर्शियल केस में एक्सिस फाइनेंस लिमिटेड ने भी तत्काल राहत की मांग करते हुए एक अर्जी दायर की थी. हालाकि, 9 नवंबर 2022 के अपने आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सिस फाइनेंस के पक्ष में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. अपने आदेश में कोर्ट ने पाया था कि एक्सिस फाइनेंस ने पुनीत गोयनका और अमित गोयनका के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनाया था. इसके अलावा, अर्जी में एक्सिस फाइनेंस ने एसेल मॉरीशस की मॉरीशस इकाई के खिलाफ राहत की मांग की था, जो कमर्शियल मुकदमे में एक पक्ष भी नहीं था. इसलिए कोर्ट ने एक्सिस फाइनेंस के पक्ष में कोई राहत नहीं दी. 

एक्सिस फाइनेंस ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच के समक्ष 2022 में कमर्शियल मुकदमा (L) संख्या 36499 दायर किया था. हालांकि, एक बार फिर एक्सिस फाइनेंस को कमर्शियल केस में कोई राहत नहीं मिली और बॉम्बे हाई कोर्ट ने 12 जून 2023 के एक आदेश में अपील का निपटारा कर दिया. इसके अलावा एक्सिस फाइनेंस ने Zeel-Sony मर्जर में भी हस्तक्षेप किया था, जो NCLT में लंबित था. हालांकि, एक्सिस फाइनेंस अपने उद्देश्य में विफल रही और उसे NCLT से भी कोई राहत नहीं मिली.