Gold jwellery hallmarking:केंद्र सरकार 1 जून 2021 से सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग (शुद्धता का ठप्पा) अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है. अभी यह वालेंटरी है. केंद्र ने सोने के गहनों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग को 15 जनवरी, 2021 से अनिवार्य करने की घोषणा नवंबर, 2019 में की थी. ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग की तैयारी करने और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक साल से अधिक का समय दिया गया था. कोविड-19 महामारी के बीच सराफा कारोबारियों की मांग पर यह डेडलाइन जून,2021 कर दी गयी थी. 

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उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘‘डेडलाइन और बढ़ाने की डिमांड नहीं है. बीआईएस जौहरियों को हॉलमार्किंग की मंजूरियां देने में लगा है.’’ बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा, ‘‘हम जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए तैयार हैं. हमें इस तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.’’ अभी तक 34,647 ज्वैलर्स ने ने बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन कराया है. 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले एक-दो माह में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा एक लाख पर पहुंच जाएगा. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और आटोमैटेड बनाया गया है.’’ एक जून से सराफा कारोबारियों को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरट के सोने की ज्वैलरी बेचने की मंजूरी होगी. 

ग्राहकों को मिलेगी शुद्धता

BIS के अनुसार, अनिवार्य हॉलमार्किंग से ग्राहकों को एक स्टैंडर्ड शुद्धता की ज्वैलरी मिलेगी और  धोखाधड़ी कम होगी. भारत सोने का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है. ज्यादातर डिमांड ज्वैलरी इंडस्ट्री से आती है. वॉल्यूम के हिसाब से देखें तो भारत सालाना 700-800 टन सोने का इक्पोर्ट करता है.

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