फिनटेक प्लेटफॉर्म भारतपे (BharatPe) के एक और को-फाउंडर ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. कंपनी ने बताया कि BharatPe के को-फाउंडर भाविक कोलाडिया (Bhavik Koladiya) ने कंपनी को छोड़ दिया है, अब वह कंपनी के बाहर अपने लिए असाइनमेंट की तलाश में हैं. इससे पहले शाश्वत नाकरानी (Shashvat Nakrani) और अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने हाल के ही महीने में कंपनी का साथ छोड़ा था, जिससे काफी विवाद भी खड़ा हुआ था. 

कंपनी ने दिया बयान

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कंपनी ने एक बयान में कहा, "भाविक कोलाडिया भारतपे (BharatPe) के साथ एक स्वतंत्र सलाहकार (Independent Consultant) के रूप में जुड़े थे, जो हमारे प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी टीमों का मार्गदर्शन करते हैं. कंपनी के साथ उनका अनुबंध कार्यकाल 31 जुलाई, 2022 को समाप्त हो गया और उन्होंने भारतपे के बाहर अन्य कार्यों पर समय बिताने की इच्छा व्यक्त की है."

कंपनी ने कहा कि कोलाडिया "हमारे सबसे बड़े अधिवक्ताओं में से एक रहे हैं और भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनियों में से एक बनने की हमारी यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं."

भारतपे (BharatPe) ने कह कि हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन हमें यह भी यकीन है कि वह भविष्य में भी, जब भी हमें जरूरत होगी, हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. 

एक अन्य रिपोर्टों में उल्लेख किया गया था कि कोलाडिया ने "सीईओ सुहैल समीर के साथ असहमति" के कारण भारतपे को छोड़ दिया, जिसे कंपनी ने अस्वीकार कर दिया.

कंपनी के लिए बेहतर रही पिछली तिमाही

अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) विवाद के साथ हो रहे विवाद को पीछे छोड़ते हुए भारतपे (BharatPe) ने जुलाई तिमाही में कंपनी के इतिहास में सबसे अधिक विकास दर्ज किया है. कंपनी ने वित्त वर्ष की पहली तिमाही में (अप्रैल-जून) में 3,600 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है. यह पिछली तिमाही के मुकाबले 112 फीसदी की वृद्धि है.