Adani-Hindenburg Case in SC: सुप्रीम कोर्ट ने अदानी ग्रुप और हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई कर आज अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को फैसला सुनाते हुए सेबी (SEBI) को आदेश दिया है कि वो 14 अगस्त तक इस मामले की जांच पूरी करे. बता दें कि सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर 6 महीने का समय मांगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त तक का ही समय दिया है और अब सेबी को इस मामले की जांच 14 अगस्त तक पूरी करनी है. बता दें कि कुछ महीने पहले अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) और अदानी ग्रुप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल चला था. हिंडनबर्ग ने अदानी ग्रुप (Adani Group) पर हेर-फेर के जरिए विदेशो में पैसा भेजने का आरोप लगाया था, जिस पर अदानी ग्रुप खंडन किया. 

11 जुलाई को होगी सुनवाई

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को 14 अगस्त तक जांच पूरी करने के लिए कहा है. इसके अलावा अदानी-हिंडनबर्ग मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस पारदीवाला की बेंच में इस मामले की सुनवाई की. पिछली सुनवाई के पहले सुप्रीम कोर्ट से सेबी ने फिर से 6 माह का वक्त मांगा था.

सेबी ने रखी थी अपनी दलील

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सेबी ने अपनी दलीलें रखीं. सेबी ने कहा कि जिन 12 सौदों की जांच हो रही है वो काफी जटिल है, क्योंकि बहुत से सौदों में सब- ट्रांजैक्शन हैं. ढेरों देसी विदेशी बैंकों और ऑन शोर ऑफ शोर संस्थाओं के वित्तीय सौदों की जांच होनी है.

सेबी ने आगे ये भी कहा कि किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए ढेरों सौदों, कॉन्ट्रैक्ट और एग्रीमेंट की जांच जरूरी है. जांच की मियाद बढ़ाने की मंशा है कि निवेशकों, बाजार के हित में न्याय हो और बिना पूरी जांच के किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से न्याय नहीं हो सकेगा, कानूनन पक्ष भी कमज़ोर होगा.

सेबी कर रही थी गहन जांच

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मामले की जांच करन शुरू की थी. जानकारी आई थी कि SEBI ने 'अदानी-होल्सिम डील' में इस्तेमाल SPV का ब्यौरा मांगा था और रेगुलेटर ने पिछले एक साल में अदानी ग्रुप की ओर से की गई सभी डील्स की जांच तेज कर दी है. रिपोर्ट आई थी कि लिस्टेड स्पेस में अदानी ग्रुप की ओर से जितने भी ट्रांजैक्शन हुए हैं, सेबी उन सभी ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है और जांच को पहले से तेज कर दिया है. सामान्य तौर पर जो डिस्क्लोजर नहीं मांगे जाते, वो भी मांगे गए थे, ऐसी जानकारी मिली थी.

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