देश में चीनी कंपनियों की मौजूदगी पर सरकार ने संसद में बड़ा अपडेट दिया है. कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री राव इंदरजीत सिंह ने  लोकसभा में जवाब देते हुए बताया है कि देश में 53 चीन की कंपनियां मौजूदा समय में फंक्शनल हैं. सांसद श्याम सिंह यादव ने संसद में सवाल पूछा कि ऐप्स के जरिए लोन देने के क्षेत्र में भारत में कार्यरत चीन की कंपनियों की संख्या का ब्यौरा क्या है और उनके नाम क्या हैं? क्या सरकार को उन शेल कंपनियों की रिपोर्टों की जानकारी है जो मूल रूप से चीन की है और वे भारत में काम कर रही हैं?

देश में 53 चीनी कंपनिया, 30 दिन के अंदर होनी चाहिए ऑफिस की स्थापना 

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संसद में दिए लिखित उत्तर में कहा, '53 चीनी विदेशी कंपनियां हैं जिन्होंने भारत में बिजनेस का स्थान स्थापित किया है. इन कंपनियों द्वारा ऐप्स के माध्यम से लोन देने से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों के डीटेल्स के बारे में कोई विशेष डाटा नहीं रखा जाता है. एक विदेशी कंपनी आरबीआई रेगुलेशन के मुताबिक कंपनी को ऑफिस की स्थापना के 30 दिनों के अंदर होनी चाहिए. साथ ही कंपनी एक्ट 2013 (अधिनियम) की धारा 380 के तहत कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) (दिल्ली और हरियाणा) से रजिस्ट्रेशन की मांग कर सकती है.

शेल कंपनी की नहीं है कोई परिभाषा, 1,55,217 कंपनियों का नाम हटाया

सरकार ने संसद में बताया कि शेल कंपनी" शब्द की कोई परिभाषा नहीं है. 1/4/2021 से 28/11/2023 की अवधि के दौरान कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 248 (1) के तहत कुल 1,55,217 कंपनियों का नाम हटा दिया गया है. गौरतलब है कि साल 2022 में सरकार ने संसद में बताया था कि देश में 174 चाइनीज कंपनियां विदेशी कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड हैं, जिनका ऑफिस भारत में है.कॉरपोरेट डेटा मैनेजमेंट (CDM) डेटाबेस के मुताबिक, भारत में 3,560 ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें चीनी डायरेक्टर हैं. 

संसद में सरकार से पूछा था कि देश में कितनी कंपनियों में चाइनीज इन्वेसटर और शेयरहोल्डर्स शामिल हैं, पर उन्होंने कहा कि यह बता पाना संभव नहीं है कि देश की कितनी कंपनियों में चाइनीज इन्वेस्टर शामिल हैं. क्योंकि मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) अलग से इसका कोई डेटा नहीं रखती है.