अगर आप यूपीआई पेमेंट करते हैं तो आपके लिए जरूरी अपडेट है. जिन भी यूजर्स के पास इनएक्टिव यूपीआई आईडी हैं, उन्हें 31 दिसंबर तक जरूरी काम निपटा लेना है. इनएक्टिव यूपीआई आईडीज़ को डिसेबल किया जाने वाला है. इसे लेकर हाल ही में पेमेंट रेगुलेटरी NPCI (National Payment Corporation of India) ने इसे लेकर आदेश जारी किया था.

कौन सी आईडी होंगी डिसेबल?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

NPCI ने एक सर्कुलर जारी कर थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा कि वो ऐसी यूपीआई आईडीज़ को डीएक्टिवेट करें, जिन्होंने एक साल से अपनी आईडी से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है. 

ये गाइडलाइन थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए है. उन्हें ऐसी इनएक्टिव आईडी की पहचान करनी है इनवर्ड ट्रांजैक्शन के लिए डिसेबल करना है, यानी वो आईडी यूपीआई मैपर पर जिस नंबर से लिंक्ड है, उसे डिरजिस्टर करना है. इसके बाद, डिसेबल यूपीआई आईडी वाले यूजर्स पेमेंट तो कर पाएंगे, लेकिन किसी और से पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे.

क्यों बंद हो रही हैं पुरानी यूपीआई आईडी

दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि यूजर्स अपनी किसी आईडी को अपने मोबाइल नंबर से लिंक किए बिना, अपना या तो नंबर बदल लेते हैं. या फिर पुरानी यूपीआई आईडी को बदले बिना नई यूपीआई आईडी बना लेते हैं, इससे पुरानी यूपीआई आईडी इनएक्टिव पड़ी रहती है. और जब वो मोबाइल नंबर आगे किसी और को अलॉट किया जाता है तो उसपर वो इनएक्टिव आईडी लिंक रहने से यूपीआई ट्रांजैक्शन में गड़बड़ी होती है. इस समस्या को दूर करने के लिए NPCI ने नया नियम जारी किया है. बैंकों और थर्ड पार्टी ऐप्स की ओर से यूपीआई आईडी को डीएक्टिवेट करने का काम शुरू कर दिया गया है.

आपको क्या करना है?

अगर आपकी भी कोई ऐसी आईडी है, जिसे आपने एक साल से यूज़ नहीं किया है, तो आपको उस आईडी से एक यूपीआई पेमेंट करना होगा, जिसके बाद वो आईडी डिसेबल नहीं होनी चाहिए.