Personal Loan Rejection Reasons: लोन लेने के लिए क्रेडिट स्‍कोर का ठीक होना बहुत जरूरी है. अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर कम है या माइनस में है, तो बैंक से आपकी लोन एप्‍लीकेशन को रिजेक्‍ट किया जा सकता है. क्रेडिट स्‍कोर को विश्‍वसनीयता का पैमाना माना जाता है. पर्सनल लोन (Personal Loan) में तो क्रेडिट स्‍कोर बहुत ज्‍यादा मायने रखता है क्‍योंकि ये अनसिक्‍योर्ड लोन होता है यानी इस लोन के लिए आपको कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता. पर्सनल लोन आपकी विश्‍वसनीयता को परखकर ही दिया जाता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर खराब है, इसका मतलब निकाला जाता है कि आपकी लोन चुकाने की हिस्‍ट्री ठीक नहीं है. ऐसे में बैंक को लोन डिफॉल्‍ट का रिस्‍क लगता है और बैंक इन मामलों में कई बार लोन रिक्‍वेस्‍ट कैंसिल कर देते हैं या अगर लोन देते हैं तो ब्‍याज दरें बहुत ज्‍यादा हो सकती है. लेकिन क्रेडिट स्‍कोर के अलावा भी ऐसे कुछ कारण होते हैं जिनकी वजह से आपके लोन की रिक्‍वेस्‍ट को अस्‍वीकार किया जा सकता है. आइए आपको बताते हैं किन-किन वजहों से आपकी लोन रिक्‍वेस्‍ट रिजेक्‍ट हो सकती है. 

सही जानकारी न होना

अगर आप बैंक में लोन एप्‍लीकेशन देते समय जानकारी सही नहीं भरते हैं या फिर आपकी जानकारी आधी-अधूरी है तो बैंक आपकी एप्‍लीकेशन को रिजेक्‍ट कर सकते हैं. इसलिए अपने आवेदन को ध्‍यान से भरें और एकदम सही जानकारी दें.

बार-बार नौकरी बदलना 

अगर आप बार-बार जल्‍दी जल्‍दी नौकरी बदल रहे हैं, तो इससे भी आपको लोन लेने में समस्‍या आ सकती है. ऐसे में बैंक को ये मैसेज जाता है कि आपकी नौकरी स्थिर नहीं है. ऐसे में लोन डिफॉल्‍ट होने का रिस्‍क रहता है. इस कारण बैंक आपके लोन की रिक्‍वेस्‍ट को रिजेक्‍ट कर सकते हैं. आप किसी संस्‍थान में कम से कम एक साल नौकरी कर रहे हैं, तो आप पर्सनल लोन के अधिकारी हो सकते हैं. वहीं बिजनेस में लगातार दो वर्ष देने के बाद आप पर्सनल लोन के अधिकारी बन सकते हैं. 

लोन की राशि और आय के बीच तालमेल न होना

बैंक लोन देते समय व्‍यक्ति की इनकम देखते हैं, ताकि उन्‍हें अंदाजा लगे कि लोन लेने वाला लोन चुकाने की सामर्थ्‍य रखता है या नहीं. बैंक मानते हैं कि जिस आवेदक की इनकम ज़्यादा होगी वो लोन का भुगतान समय पर कर पाएगा. पर्सनल लोन के लिए नौकरीपेशा लोगों की न्यूनतम सैलरी 15000 रु. प्रति माह होनी चाहिए और गैर-नौकरीपेशा ग्राहकों के लिए कम से कम 5 लाख रु. प्रति वर्ष होनी चाहिए. लोन की लिमिट भी इस पर निर्भर होती है. अगर आपके लोन की राशि और आय के बीच तालमेल नजर नही आता तो भी आपकी लोन रिक्‍वेस्‍ट रिजेक्‍ट हो सकती है. इसके अलावा अगर आप काफी समय से बेरोजगार हैं, तो भी बैंक लोन देने में हिचकिचाते हैं. इन मामलों में लोन देना बैंक को जोखिमभरा लगता है. 

डीटीआई रेश्‍यो चेक करते हैं बैंक

बैंक आपके डीटीआई रेश्‍यो यानी डेट टू इनकम रेश्‍यो को भी देखते हैं. इसके लिए आपके पहले से अगर कोई लोन चल रहे हैं तो उन्‍हें जोड़कर उनके योग को आपकी सैलरी से डिवाइड किया जाता है. डीटीआई रेश्‍यो जितना कम होगा, आपको लोन मिलने में उतनी आसानी होगी. आमतौर पर 36% से कम रेश्‍यो को अच्‍छा माना जाता है. ये अगर ज्‍यादा है, तो लोन के मामले में दिक्‍कतें आ सकती हैं.

एक साथ कई जगह लोन के लिए अप्‍लाई करना

अगर आपने एक साथ कई बैंकों में लोन की एप्‍लीकेशन लगाई है तो भी आपका लोन रिजेक्‍ट हो सकता है. इसका कारण है कि एक साथ कई वित्तीय संस्थानों में आवेदन करने पर वे सभी एक समय पर आपके क्रेडिट स्‍कोर को चेक करेंगे. ये डीटेल आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज हो जाते हैं. इससे आपका क्रेडिट स्‍कोर प्रभावित होता है. साथ ही लोन देने वाली संस्थाओं को यह लग जाता है कि आप किसी भी हालत में सिर्फ लोन लेना चाहते हैं.