जब भी आप लोन लेने के लिए जाते हैं तो आपका सि‍बिल या क्रेडिट स्‍कोर जरूर देखा जाता है. व्‍यक्ति के सिबिल स्‍कोर (Cibil Score) में उसकी क्रेडिट हिस्‍ट्री (Credit History) होती है, जिसे देखकर कोई भी बैंक ये फैसला लेता है कि उसे लोन दिया जाना चाहिए या नहीं. इसलिए सिबिल स्‍कोर हमेशा अच्‍छा होना चाहिए. क्रेडिट स्‍कोर (Credit Score) 300 से 900 के बीच निर्धारित होता है. 700 या इससे ऊपर के सिबिल स्‍कोर को अच्‍छा माना जाता है.

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सिबिल स्‍कोर जितना अच्‍छा होता है, आपको लोन मिलना उतना ही आसान हो जाता है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि कई बार सिबिल स्‍कोर जीरो (Zero) भी हो जाता है? अगर आपने कभी कोई लोन नहीं लिया और आप क्रेडिट कार्ड का भी इस्‍तेमाल नहीं करते हैं, तो ऐसे में आपकी कोई क्रेडिट हिस्‍ट्री ही नहीं होती. इस स्थिति में आपका क्रेडिट स्‍कोर शून्‍य हो जाता है. ऐसे में क्‍या बैंक से लोन मिल सकता है? आइए आपको बताते हैं.

असमंजस की स्थिति पैदा करता है जीरो स्‍कोर

इस मामले में बैंक के रिटायर्ड ऑफिसर ए. के. मिश्रा बताते हैं कि जीरो सिबिल स्‍कोर पहले मुर्गी या पहले अंडे जैसी पहेली है. जिस व्‍यक्ति ने लोन लिया ही नहीं, तो ऐसे में वो विश्‍वसनीय है ये भी आप नहीं कह सकते और वो विश्‍वसनीय नहीं है, यानी लोन दिया जाए या न दिया जाए, इसे लेकर बैंक के सामने असमंजस की स्थिति होती है. इस कारण कई वित्‍तीय संस्‍थान ऐसे लोगों को लोन देने में हिचकिचाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि जीरो स्‍कोर होने पर आपको लोन मिल ही नहीं सकता. ऐसी स्थिति में व्‍यक्ति को दूसरे मापदंडों पर परखा जाता है. लेकिन इस स्थिति में आपको कम ब्‍याज दरों पर लोन मिल पाएगा या नहीं, ये नहीं कहा जा सकता.

इन मापदंडों पर की जाती है परख

जीरो सिबिल स्‍कोर होने पर व्‍यक्ति की आय के स्रोत, उसकी शैक्षणिक योग्‍यता आदि को देखा जाता है. जैसे कोई व्‍यक्ति डॉक्‍टर या सीए या किसी उच्‍च पद पर है, तो उसकी क्रेडिट हिस्‍ट्री न होने पर भी उसे लोन आसानी से मिलने की पूरी संभावना होती है क्‍योंकि उसकी आय अच्‍छी खासी होती है. अगर आपके पास ऐसे ऊंचे पद वाली नौकरी नहीं है, तो आप अपनी बेहतर आर्थिक स्थिति को दिखाने के लिए बैंक को कुछ वर्षों का बैंक स्‍टेटमेंट देकर आश्‍वस्‍त कर सकते हैं. इसके अलावा आपके तमाम बिल जो आप अब तक नि‍यमित रूप से चुकाते आए हैं, प्रमाण के तौर पर दिखा सकते हैं. ऐसी स्थिति में बैंक को ये समझने में आसानी होगी कि आप लोन देने योग्‍य हैं या नहीं.

किन चीजों पर निर्भर करता है सिबिल स्‍कोर

सिबिल स्‍कोर कई चीजों पर निर्भर करता है. 30% सिबिल स्कोर इस बात पर निर्भर करता है कि आप वक्त पर कर्ज चुका रहे हैं या नहीं, 25% सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन पर, 25% क्रेडिट एक्सपोजर पर और 20% कर्ज के इस्तेमाल पर निर्भर करता है. क्रेडिट स्‍कोर 300 से 900 के बीच होता है. अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर 750 या इससे ज्‍यादा है तो इसे अच्‍छा माना जाता है. 550 से 750 के बीच का स्‍कोर ठीक माना जाता है और 300 से 550 तक का स्‍कोर खराब माना जाता है.

कौन तय करता है क्रेडिट स्‍कोर

तमाम क्रेडिट ब्‍यूरो आपके क्रेडिट स्‍कोर को जारी करते हैं. इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और  सीआरआईएफ हाईमार्क जैसी क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियों को प्रमुख माना गया है, इन कंपनियों को लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने, इसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट / क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है. क्रेडिट स्‍कोर 300 से 900 के बीच तय किया जाता है. इसे 24 महीने की क्रेडिट हिस्‍ट्री के हिसाब से तय किया जाता है.