RBI ने 2000 रुपए के नोटों को वापस लेने का ऐलान किया है. इसके लिए 23 मई से नोटों को जमा या बदलने शुरु हो जाएंगे. 2000 रुपए के नोटों को किसी भी बैंक में 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकते हैं. रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन सवाल यह उठता है कि RBI को 2000 रुपए के नोट को वापस लेने की जरूरत क्यों पड़ी? ये क्लीन नोट पॉलिसी क्या है?

क्यों वापस होंगे 2000 रुपए के नोट?

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RBI ने 2000 रुपए के नोटों को क्लीन नोट पॉलिसी के तहत वापस ले रही है. 2000 रुपए के नोटों की 4 से 5 साल की उम्र पूरी होगी है इसलिए इन नोटों को RBI वापस ले रहा है. साथ ही नोट बहुत ज्यादा आम जनता के बीच चलन में भी नहीं है. इसके अलावा बाकी रकम के करेंसी नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. ऐसे 2000 रुपए के नोटों को वापस लिया जाने का ऐलान किया गया है. 

2000 रुपए का नोट नहीं छप रहा

रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोटों को वापस लेने का फैसला लिया है. बता दें कि RBI एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 को 500 और 2000 रुपए के नोटों को लाया गया था. लेकिन केंद्रीय बैंक ने 20218-19 से 2000 रुपए के नोटों की छपाई को बंद कर दिया था. अब इसे क्लीन नोट पॉलिसी के तहत वापस लिए जाने का ऐलान किया है. 

क्या है क्लीन नोट पॉलिसी?

क्लीन नोट पॉलिसी को साल 1988 में लोगों तक अच्छी क्वालिटी के नोट मुहैया कराने के लिए लाया गया था.  इस पॉलिसी को देश में जाली नोटों के सर्कुलेशन पर लगाम कसने के लिए पेश किए गए थे. 

क्लीन नोट पॉलिसी कैसे काम करती है?

RBI एक्ट 1934 की धारा 27 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी तरीके से नोटों को ना तो नष्ट करेगा और ना ही उससे किसी तरह की छेड़छाड़ करेगा. इस पॉलिसी का लक्ष्य  नोटों को सर्कुलेशन में बनाए रखने के साथ-साथ क्लीन भी रखना था. डिजिटल पेमेंट को और सिक्योर बनाने के लिए नई क्लीन नोट पॉलिसी को एक अक्टूबर 2018 से लागू की गई थी.