Bank Locker Rules: बैंक लॉकर अपने सामान को सुरक्षित रखने का एक बढ़िया तरीका है. कई लोग अपने कीमती सामान को सेफ रखने के लिए बैंक द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा का लाभ उठाते हैं. बैंक लॉकर रखने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा होना चाहिए. साथ ही कुछ बैंक आपसे यहां सेविंग अकाउंट खोलने के लिए भी कह सकते हैं. आप लॉकर का चयन अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं. इसके लिए आपके पास नॉमिनेशन या ज्वाइंट ओनरशिप होना जरूरी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक लॉकर की सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी बैंक की होती है. आग लगने, चोरी या डकैती होने जैसे हालातों में सारी जिम्मेदारी बैंक की रहती है.  ऐसे हालातों में बैंक की तरफ से ग्राहक को, लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना देना होता है. वहीं प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि भूकंप, बाढ़ आदि में बैंक इस तरह के नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बैंक कब तोड़ सकता है लॉकर

 

Reserve Bank Of India के नियमानुसार अगर आप लंबे समय तक अपने बैंक लॉकर का उपयोग नहीं करते हैं, तो ऐसी हालत में बैंक आपका लॉकर तोड़ सकता है. रिजर्व बैंक इंडिया (RBI)

ने कुछ समय पहले, लॉकर के संबंध में संशोधित दिशानिर्देश भी जारी किए थे. आरबीआई के इन निर्देशों के मुताबिक अगर कोई ग्राहक लंबे समय तक लॉकर अनलॉक नहीं करता है तो बैंक के पास इन्हें अनलॉक करने की अथॉरिटी है. भले ही ग्राहक इसमें नियमित रूप से भुगतान कर रहा हो.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

 

 

इन बातों का रखें ख्याल 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने आदेश में कहा है कि बैंक निष्क्रिय लॉकर तोड़ सकते हैं, इसके अलावा अगर किसी लॉकर का उपयोग 7 साल से ज्यादा की अवधि तक नहीं किया गया है तो उसे निष्क्रिय माना जाएगा. बैंक लॉकर को तोड़ कर उसमें रखा सामान, ओनर को ट्रांसफर कर सकता है.

नॉमिनी को भी दी जाती है सूचना 

आरबीआई ने दिए गए दिशानिर्देशों में बताया कि बैंक अपनी तरफ से ग्राहक को संपर्क करने की हर मुमकिन कोशिश करेगा. एसएमएस, कॉल और पत्र द्वारा भी कॉनटेक्ट किया जाएगा. इसके बाद भी अगर ग्राहक की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई, और लॉकर को सक्रीय नहीं किया जाता है तो अखबार द्वारा बैंक सार्वजानिक नोटिस जारी करेगा. 

गवाहों की मौजूदगी में खोला जाता है लॉकर 

अगर बैंक द्वारा की गई कोशिशों के बाद भी लॉकर से संबंधित व्यक्ति इसे ओपन नहीं करते हैं तो ऐसी स्तिथि में गवाहों को शामिल किया जाएगा. जिसमें बैंक के एक अधिकारी और दो स्वतंत्र लोग शामिल होंगे. इसके बाद इस पूरे इवेंट की वीडियो रिकॉर्डिंग कर, लॉकर से बरामद सामान को एक लिफाफे में सील कर फायरप्रूफ लॉकर में तब तक रखा जाएगा जब तक ग्राहक या नॉमिनी नहीं मिल जाता.