देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन (Lockdown) होने के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कहा कि जरूरी वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सातों दिन 24 घंटे काम कर रहा है. भले ही सभी यात्री ट्रेनें रद्द हैं लेकिन मालगाड़ियां चल रही हैं. अभी त‍क जरूरी सामान की सप्‍लाई ट्रकों के जरिये हो रही थी. लेकिन लॉकडाउन के बाद ट्रकों को जहां-तहां रोक दिया गया है. इससे अब रेलवे पर दबाव बढ़ गया है.

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इंडियन रेलवे के एक अधिकारी की मानें तो अब तक मालगाड़ी में सीमेंट, अनाज और खाद की ढुलाई होती थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में आपूर्ति बनाए रखने के लिए अब बिस्किट, दूध पाउडर और चीज जैसी कमोडिटी मालगाड़ी में भरकर भेजे जा रहे हैं.

रेलवे ने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें एक मालगाड़ी में जरूरी खाने-पीने की चीजों को लोड किया जा रहा है. रेलवे ने कहा, "अनाज, कोयला, दूध, सब्जियां आदि बहुत जरूरी हैं और इनकी पूरे देश में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हम काम कर रहे हैं. हम अगले कुछ महीनों के लिए अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझ रहे हैं."

रेलवे ने कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए अपनी 13,600 पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस यात्री ट्रेनों को 14 अप्रैल तक रोक दिया है. इस बीच जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मालगाड़ियां पूरे देश में दौड़ रही हैं.

यही नहीं कोरोनावायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की सभी विभाग कुछ न कुछ योजनाएं सामने लेकर आ रही हैं. ऐसे में अब खबर है कि भारतीय रेल कोरोनावायरस संक्रमितों को आइसोलेशन में रखने के लिए यात्री डिब्बों और केबिन को देने पर विचार कर रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक खाली डिब्बों और केबिन को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए इस्तेमाल करने के मुद्दे पर रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव की सभी जोन्स के महाप्रबंधकों और डिविजन रेलवे के प्रबंधकों के साथ बुधवार को बात हुई थी. बैठक में शौचालय युक्त डिब्बों को आइसोलशन वार्ड के तौर पर इस्तेमाल के प्रस्ताव पर चर्चा की गई.