UPI Payment: लोगों को जल्दी ही होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री जैसे विभिन्न लेन-देन के लिये यूपीआई (Unified Interface Payment) के जरिये राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने और भुगतान करने की सुविधा मिलेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यूपीआई में सिंगल पेमेंट अमाउंट ‘ब्लॉक’ करने और उसे अलग-अलग कामों के लिये काटे जाने (Single Block and Multiple Debit) की सुविधा देने की घोषणा की. ग्राहक जब भी जरूरत पड़े, पैसा काटे जाने के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि निर्धारित कर संबंधित मर्चेंट के लिये भुगतान को तय कर सकते हैं. केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस व्यवस्था से ई-कॉमर्स और सिक्योरिटीज़ में निवेश के लिये पेमेंट आसान होगा.

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आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हर दो महीनों पर होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘यूपीआई की क्षमता बढ़ाकर ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा देने का फैसला किया गया है. इससे ई-कॉमर्स और सिक्योरिटीज़ में निवेश को लेकर भुगतान आसान होगा.’’ 

कैसे काम करेगी यह नई सुविधा?

इस व्यवस्था के तहत ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा मिलेगी और जब भी जरूरत हो, संबंधित राशि खाते से काटी जा सकती है. इस सुविधा का उपयोग होटल बुकिंग, कैपिटल मार्केट में सिक्योरिटीज़ के साथ-साथ सरकारी सिक्योरिटीज़ यानी प्रतिभूति की खरीद में किया जा सकता है. प्रतिभूति खरीदने के लिये केंद्रीय बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के जरिये इसका उपयोग किया जा सकता है. बयान के अनुसार, ‘‘इससे लेन-देन में भरोसा बढ़ेगा क्योंकि कारोबारियों को समय पर भुगतान का भरोसा मिलेगा. वहीं वस्तु या सेवाएं मिलने तक राशि ग्राहक के खाते में पड़ी होगी.’’.

यूपीआई के जरिये फिलहाल निर्धारित समय पर होने वाले लेन-देन और ‘सिंगल-ब्लॉक-एंड-सिंगल-डेबिट’ की सुविधा है. मासिक आधार पर 70 लाख से अधिक ऑटो पेमेंट सर्विस का मैनेजमेंट यूपीआई के जरिये हो रहा है. वहीं आधे से अधिक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवेदनों की प्रोसेसिंग यूपीआई में रकम ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा से हो रहा है.

आरबीआई ने कहा कि इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI- National Payment Corporation of India) को जल्दी ही निर्देश जारी किया जाएगा. दास ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) में सभी भुगतान और संग्रह शामिल कर इसका दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की. अभी, बीबीपीएस के पास अलग-अलग समय पर होने वाले भुगतान या व्यक्तियों को मिलने वाली राशि के भुगतान की सुविधा नहीं है, भले ही उसका भुगतान निश्चित समय पर करने की जरूरत क्यों न हो. दास ने कहा कि इसके चलते पेशेवर सेवा शुल्क भुगतान, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान, किराया संग्रह इसके दायरे में नहीं है. उन्होंने कहा कि नई प्रणाली बीबीपीएस मंच को व्यक्तियों और व्यवसायों के व्यापक समूह के लिए सुलभ बनाएगी. 

(भाषा से इनपुट)

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