PSB banks privatization: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने रविवार को कहा कि सरकार बजट में घोषित बैंक निजीकरण (PSB banks privatization) योजना को अमल में लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ मिलकर काम करेगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि सरकार के पास बैंकों में अपनी हिस्सेदारी के प्रबंधन के लिये कोई बैंक निवेश कंपनी के गठन की योजना नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को प्रोफेशनल बनाने की जरूरत है और सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है. मंत्री ने यह भी कहा कि बैंक धीरे-धीरे जोखिम से बाहर निकल रहे हैं.

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विस्तृत प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है (Detailed process is being worked out)

पिछले सप्ताह पेश केंद्रीय बजट में सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की. हालांकि बैंक यूनियनों ने इस कदम का विरोध किया है. प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विस्तृत प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है. मैंने घोषणा की है. हम आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

किन बैकों का निजीकरण होगा? (Which banks will be privatized?)

खबर के मुताबिक, हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार किया कि किस या किन बैंकों को बिक्री के लिये चुना जा रहा है. उन्होंने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि हम आपको बताएंगे, जब सरकार बताने के लिये तैयार होगी. सीतारमण ने बैड बैंक के बारे में कहा कि सरकार को राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) के लिए कुछ गारंटी देनी पड़ सकती है. हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि यह एक ऐसा समाधान है, जो बैंकों ने ही पेश किया है और वही इसकी अगुवाई भी करेंगे.

NPA पहले के कुप्रबंधन की विरासत (NPA legacy of earlier mismanagement)

सीतारमण ने आरोप लगाया कि बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) पहले के कुप्रबंधन की विरासत हैं. उन्होंने कहा कि अब फोन बैंकिंग नहीं हो रही है और नई दिल्ली से मदद नहीं मांगी जा रही है. बैंक निवेश कंपनी पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी कोई चर्चा नहीं है. मुझे नहीं पता कि यह बात कहां से आ रही है. कम से कम यह मेरे सामने नहीं है. मैं इस पर चर्चा नहीं कर रही हूं.

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