फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट यानी एफडी (Fixed Deposit-FD) सालों से निवेश का लोकप्रिय विकल्‍प रहा है. इसमें एक निश्चित समय के लिए पैसा निवेश करके निवेशक गारंटीड ब्‍याज प्राप्‍त करते हैं. एफडी के मामले में निवेशकों को ये भरोसा रहता है कि उनका पैसा इसमें एकदम सुरक्षित रहेगा. लेकिन क्‍या आपको पता है एफडी से होने वाली आय पर सरकार आपसे टैक्‍स वसूलती है? अगर आप भी फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में इन्‍वेस्‍ट करते हैं तो आपको इसके बारे में मालूम होना चाहिए.

ऐसे की जाती है टैक्‍स वसूली

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एफडी पर सालाना आपको जो भी ब्‍याज मिलता है वो आपकी सालाना आय में जुड़ जाता है. अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में आती हैं तो इस इनकम के जुड़ने के बाद स्लैब रेट के हिसाब से जो भी टैक्‍स बनता है, वो आपको चुकाना पड़ेगा. ITR फाइल करते समय एफडी के ब्‍याज से हुई इस आय को Income from Other Sources में शामिल किया जाता है.

40,000 रुपए से ज्‍यादा कमाया है तो कटता है टीडीएस

एफडी पर टीडीएस काटने के भी नियम हैं. अगर एक साल में आपने FD के ब्‍याज से 40,000 रुपए से ज्‍यादा कमाया है तो बैंक ब्‍याज को अकाउंट में क्रेडिट करने से पहले ही आपका 10 फीसदी TDS काट लेता है. हालांकि अगर एक साल में FD से 40,000 रुपए तक कमाया तो TDS नहीं काटा जाएगा. वहीं  सीनियर सिटीजन के लिए एक साल में FD से 50 हजार तक की कमाई पर TDS नहीं लगता है. 

5 साल की एफडी टैक्‍स फ्री

अगर आप टैक्‍स बेनिफिट लेना चाहते हैं तो 5 साल की एफडी आपके लिए काम की है. 5 साल की एफडी को टैक्‍स सेविंग एफडी के तौर पर जाना जाता है. इसका ऑप्‍शन आपको बैंक से लेकर पोस्‍ट ऑफिस तक में मिल जाएगा. 5 साल की एफडी में आपको इनकम टैक्‍स एक्ट के सेक्शन 80C का फायदा मिलता है. सेक्शन 80C के तहत आप अपनी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं. हर वित्त वर्ष में 1,50,000 रुपए तक निवेश पूरी तरह टैक्स फ्री होगा. लेकिन 5 साल से पहले अगर आप एफडी को ब्रेक करवाते हैं तो इस पर बैंक तो आपसे पेनल्‍टी वसूलता ही है, साथ ही आपको टैक्‍स बेनिफिट भी नहीं मिलता है.