सरकारी बैंकों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. इसकी वजह है कल शाम आरबीआई द्वारा जारी की गई फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (एफएसआर). इस रिपोर्ट में आरबीआई सरकारी बैंकों को लेकर काफी बुलिश लग रही थी. उनका कहना है कि सरकारी बैंकों के एनपीए में गिरावट आ सकती है और उनकी स्थिति में तेजी से सुधार होने का अनुमान जताया जा रहा है. आरबीआई का कहना है कि बैंकों ने बड़ी मात्रा में एनपीए की पहचान कर ली है और अब समाधान के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं.

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आरबीआई का कहना है कि बैंकों का प्रोविजन कवरेज रेश्यो 48.3 प्रतिशत से बढ़कर 60.6 प्रतिशत हो गया है. मार्च 2020 तक ग्रॉस एनपीए 9 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है. इसमें सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए 12.6 प्रतिशत से गिरकर 12 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आरबीआई लगातार बैंकों के एनपीए में गिरावट का अनुमान जता रहा है. 

 

दिक्कत में चल रहे खातों और एनसीएलटी एकाउंट से रिकवरी काफी अच्छी अच्छी हो रही है. बैंक अपनी बैलेंस शीट में सुधार करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. लोन की मांग बढ़ने से बैंकों का प्रदर्शन सुधरा है. हाल फिलहाल में हमने देखा की बैंकों ने कुछ पूंजी भी जुटाई है और उनके लोन ग्रोथ में भी सुधार देखने को मिला है. इसके अवाला उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले बजट में सरकार बैंकिंग क्षेत्र के लिए कुछ राहत की घोषणा कर सकती है.

साथ ही कुछ बैंक ऐसे होंगे, जिन्हें अच्छा कैपिटल सपोर्ट मिल जाए तो वे पीसीए केटेगरी से बाहर निकल सकते हैं. ऐसे में जिन बैंकों का एनपीए काफी ज्यादा है उन्हें फायदा मिल सकता है, जैसे आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक और आईओबी. इन्हीं खबरों की वजह से बैंक निफ्टी के कमजोर होने के बावजूद पीएसयू बैंकों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है.