स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की आय पर पिछले कई सालों से एसेट क्वालिटी, मर्जर और विपरीत कारोबारी माहौल की वजह से लगातार दबाव बना रहा. हालांकि अभी भी मैक्रो इककोनॉमिक्स के हालात चैलेंजिंग हैं. हाई रेटिंग नीचे की तरफ है. हालांकि एसबीआई का जो साइज है उस हिसाब से यह कहा जा सकता है कि ऐसी स्थिति को मैनेज किया जा सकता है. यह बात मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने एनालिसिस में कही है.

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एनालिसिस में कहा गया है कि अगर एसबीआई के शेयर पर नजर डालें तो बीते तीन महीनों में इसमें करीब 29 प्रतिशत का करेक्शन देखने को मिला है. यह एक तरह से जोखिम का सामना करने में मददगार है. शेयर को लेकर खरीदारी की सलाह देते हुए मोतीलाल का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2021 तक इसमें सुधार आएगा और टारगेट प्राइस 350 का रखा है. 

ओसवाल का कहना है कि एसबीआई की जितन सब्सिडियरी कंपनियां हैं जैसे- SBI MF, SBI Life Insurance, SBI Cards and SBI Cap Securities ने पिछले कुछ सालों में काफी अच्छा परफॉर्म किया है. एसबीआई की इनकी मोनेटाइज करने की प्लानिंग है.

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एनालिसिस में कहा गया है कि फ्लोटिंग रेट के रिटेल लोन और एमएसएमई लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करने से बैंक के मार्जिन में उतार-चढ़ाव ला सकता है. हालांकि एसबीआई के CASA डिपॉजिट का शेयर काफी ऊंचा है. इससे बैंक एसेट के मामले में यील्ड प्रेशर को मैनेज आसानी से करने में सक्षम है.