अर्बन कोऑपरेटिव बैंक से जुड़ी दिक्कतों का समाधान करने के लिए रिजर्व बैंक (reserve bank of India) की तरफ से बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में आरबीआई (RBI) की कमेटी ने छोटे अर्बन कोऑपरेटिव बैंको को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए अम्ब्रेला बॉडी (Umbrella Body for Urban Banks) का सुझाव दिया है.

डिपॉजिट के आधार पर 4 टीयर स्ट्रक्टर का सुझाव

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कमेटी की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में डिपॉजिट के आधार पर 4 टीयर स्ट्रक्चर होना चाहिए. उसके आधार पर ही कैपिटल एडेक्वेसी रेश्यो और रेगुलेटरी नियम लागू होने चाहिए. 

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कैसे बनेगा 4 टीयर स्ट्रक्चर

इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि इन 4 कैटेगरी में Tier1 कैटेगरी के लिए 100 करोड़ तक का डिपॉजिट,  टीयर 2 के लिए 100 से 1000 करोड़ रुपए तक का डिपॉजिट और टीयर 3 कैटेगरी के लिए 1000 से 10 हजार करोड़ और 10,000 करोड़ से ज्यादा का डिपॉजिट वाले अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को टीयर 4 कैटेगरी में डालना चाहिए. 

बैंकों का मर्जर का भी सुझाव

कमेटी का मानना है कि बैंक की कैटेगरी के मुताबिक ही होम लोन, गोल्ड लोन और अनसिक्योर्ड लोन देने की सीमा तय होनी चाहिए. पैनल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का मर्जर रिजर्व बैंक की शर्तो पर खरा नहीं उतरने पर किया जा सकता है. इसके अलावा रिपोर्ट में एक बैंक को दूसरे बैंक में मर्ज करने के अलावा एक बड़े संगठन की ओर से छोटे अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का अधिग्रहण करने का सुझाव भी दिया गया है. 

आम लोगों से मांगे गई राय

इसके अलावा रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बड़े अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के लिए सामान्य बैंकिंग नियम लागू हो जिसमें पूंजी जुटाने और बाकी सभी शर्ते भी कमर्शियल बैंकों की तर्ज पर हो और बाकी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक जो संपूर्ण बैंक की तरह कार्यरत नहीं हो उसे स्मॉल फाइनेंस बैंक की तरह देखा जाए. बता दें कि रिजर्व बैंक की ड्राफ्ट रिपोर्ट के बाद अब स्टेकहोल्डर्स और आम लोगों से राय और सुझाव ने मांगे गए हैं.