रिपोर्ट : बृजेश कुमार

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होम लोन (Home Loan) और बिजनेस लोन प्रदान करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) पर कर्जा बढ़ता ही जा रहा है. खासकर IL&FS में डिफॉल्ट के बाद NBFC बाजार से भी कैश नहीं जुटा पा रही हैं. इस बीच, रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि वह वित्‍तीय सहायता देने वाली इन कंपनियों पर और निगरानी बढ़ाएगा. वह नियमों को और सख्त करने की तैयारी कर रहा है. 

जी मीडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक की कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा समीक्षा ताजा आंकड़ों के आधार पर की जाए. RBI की मंगलवार को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है. एनबीएफसी पर 20 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बताया जा रहा है. देशभर में सितंबर 2018 तक 10,190 एनबीएफसी रजिस्‍टर्ड हैं.

NBFCs की और बढ़ेगी निगरानी

सूत्र ने बताया कि रिजर्व बैंक एनबीएफसी की सालाना के बजाय हर तिमाही असेसमेंट रिपोर्ट तैयार करेगा. फिलवक्‍त असेसमेंट रिपोर्ट सालाना नतीजों के आधार पर बनती है. इसके साथ ही असेट लाइबिलिटी मिसमैच (ALM) का रिपोर्टिंग समय घटेगा. तिमाही ALM रिपोर्टिंग की मियाद और भी घटाई जाएगी. RBI ने बोर्ड फॉर फाइनेंशियल सुपरविजन BFS में इसकी चर्चा की थी. 

नकदी तंगी के दावे से सहमत नहीं

सूत्र ने बताया कि NBFC की नकदी तंगी के दावे से BFS सहमत नहीं है. रिजर्व बैंक 500 Cr रुपए से अधिक संपत्ति वाले NBFC की निगरानी बढ़ाने पर विचार कर रहा है. केंद्रीय बैंक NBFC के लिए और सख्त नीतियां लाएगा, लेकिन इसे चरणों में लागू किया जाएगा.