हिंदुजा ग्रुप ने भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से निजी क्षेत्र के बैंकों (प्राइवेट बैंक) में प्रमोटर (प्रवर्तक) को 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की परमिशन देने के फैसले का स्वागत किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, हिंदुजा ने पूर्व में इंडसइंड बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की परमिशन के लिए केंद्रीय बैंक के पास अप्लाई किया था.

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आईआईएचएल मॉरीशस इंडसइंड बैंक की प्रमोटर

खबर के मुताबिक, हिंदुजा की यूनिट, आईआईएचएल मॉरीशस (IIHL Mauritius) इंडसइंड बैंक (indusind bank) की प्रमोटर है. उसने बैंक में अपनी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत की पिछली सीमा से बढ़ाकर 26 प्रतिशत तक करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) के पास अप्लाई किया था. इसके अलावा हिंदुजा ने इस मामले में स्थिति साफ करने को भी कहा था कि क्योंकि उसके कॉम्पिटीटर कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमोटर को अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत करने की परमिशन दी गई थी. हालांकि कोटक महिंद्रा को यह परमिशन रिजर्व बैंक को अदालतों में घसीटने के बाद मिली थी. 

हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी

आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने कहा कि हमारा मानना ​​है कि प्रमोटर को ज्यादा हिस्सेदारी की परमिशन खासकर ऐसे समय जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है, सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी. इसमें नियामक, बैंकिंग संस्थान और उसके ग्राहक सभी शामिल हैं.

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अब ऑपरेशन गाइडलाइंस का इंतजार 

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र के बैंकों पर संशोधित गाइडलाइंस जारी किए. इन गाइडलाइंस के तहत प्रवर्तकों को निजी क्षेत्र के बैंकों में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की परमिशन दी गई है. हालांकि, पूर्व गवर्नरों सहित विभिन्न हलकों के विरोध के बाद कॉरपोरेट समूहों को बैंकों के स्वामित्व की परमिशन नहीं दी गई है. रिजर्व बैंक के इंटरनल वर्किंग ग्रुप ने इस बारे में सिफारिश की थी. हिंदुजा ने कहा कि आईआईएचएल अब ऑपरेशन गाइडलाइंस का इंतजार कर रही है क्योंकि यह प्रोमोटर की तरफ से और पूंजी डालकर अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए एक अवसर है.