भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उसकी इजाजत के बिना प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) जारी करने वाली कंपनी टॉकचार्ज (Talkcharge) पर बड़ा एक्शन लिया है. टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को ग्राहकों के वॉलेट में पड़े पैसे वापस करने को कहा गया है. रिजर्व बैंक ने हाल ही में एक बयान में लोगों को वेबसाइट/एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय और इस तरह की किसी भी अनाधिकृत इकाई को अपना पैसा देते समय अत्यधिक सावधानी बरतने को लेकर आगाह भी किया. 

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रिजर्व बैंक ने कहा कि लोगों को कहीं भी पैसे देने के पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वेबसाइट या एप्लिकेशन या इकाई को वह करने की इजाजत है भी या नहीं, जो वह कर रही है. रिजर्व बैंक को पता चला था कि गुरुग्राम की कंपनी टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत जरूरी मंजूरी लिए बगैर ही अपनी वेबसाइट और 'टॉकचार्ज' ऐप के जरिए पीपीआई जारी कर रही है.

Scam का लग रहा आरोप

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस ऐप के खिलाफ यूं ही एक्शन नहीं लिया है. सोशल मीडिया से लेकर गूगल प्ले स्टोर तक पर इस ऐप के खिलाफ शिकायतें की जा रही हैं. लोग आरोप लगा रहे हैं कि कंपनी इस ऐप के जरिए एक बड़ा स्कैम कर रही है. गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप की रेटिंग महज 1.6 है, जो दिखाता है कि इस ऐप से लगभग सभी लोगों को दिक्कतें हो रही हैं.

15 दिन में लौटाने होंगे वॉलेट में रखे पैसे

केंद्रीय बैंक ने दो अप्रैल को जारी आदेश में कंपनी को प्रीपेड भुगतान उत्पाद या वॉलेट जारी करने और संचालन रोकने के साथ ही 15 दिनों के भीतर वॉलेट में रखी राशि वापस करने को कहा था. लेकिन कंपनी के अनुरोध पर राशि वापसी की समय सीमा को बढ़ाकर 17 मई, 2024 कर दिया गया है. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को कंपनी से मिले कैशबैक पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उसने टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज को सिर्फ वॉलेट में पड़ी प्रीपेड राशि लौटाने का निर्देश दिया है.