RBI ने लगातार छठवीं बार रेपो रेट में इजाफा कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है. इसी के साथ रेपो रेट बढ़कर 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. जब भी रेपो रेट बढ़ाया जाता है तो इससे लोन महंगे हो जाते हैं. लेकिन एफडी करने वालों के लिए ये समय काफी अच्‍छा है. रेपो रेट बढ़ने पर तमाम बैंक एफडी पर बढ़ी हुई ब्‍याज दरों का फायदा देते हैं. वहीं फ्लोटिंग एफडी के लिहाज से ये समय और भी बेहतर माना जा रहा है क्‍योंकि फ्लोटिंग रेट फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट की ब्‍याज दर आरबीआई के रेपो रेट के हिसाब से बदलती रहती है.

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फिलहाल आरबीआई ने छठवीं बार रेपो रेट बढ़ाया है. MPC मीटिंग के दौरान आरबीआई गवर्नर ने ये भी कहा है कि आने वाले समय में रेपो रेट एक बार फिर से बढ़ाया जाएगा या नहीं, ये महंगाई दर पर निर्भर करेगा. यानी आने वाले समय में रेपो रेट नहीं बढ़ेगा, इस बात को लेकर भी गवर्नर ने पूरी तरह से आश्‍वस्‍त नहीं किया है. ऐसे रेपो रेट बढ़ने के दौर में फ्लोटिंग रेट एफडी आपके लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है.

समझें क्‍या है फ्लोटिंग रेट एफडी

फ्लोटिंग रेट फिक्‍सड डिपॉजिट में जब आप पैसा निवेश करते हैं तो इसमें इंटरेस्‍ट रेट मैच्‍योरिटी की अवधि तक बदलते रहते हैं. चूंकि आरबीआई हर निश्चित अवधि में ब्याज दरों में बदलाव करता है. ऐसे में आरबीआई अगर रेपो रेट बढ़ाता है तो आपकी फ्लोटिंग एफडी पर भी ब्‍याज बढ़ जाता है. हालांकि अगर बैंक रेपो रेट को घटाता है, तो इससे आपकी फ्लोटिंग एफडी पर भी ब्‍याज दर कम हो जाती है. आने वाले समय में आरबीआई रेपो रेट बढ़ाएगा या नहीं, ये तो अगली MPC मीटिंग के बाद पता चलेगा. लेकिन जिस तरह से लगातार आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता आ रहा है, उससे आने वाले समय में फ्लोटिंग रेट एफडी को फायदे का सौदा माना जा रहा है.

किन बैंकों में फ्लोटिंग रेट एफडी का विकल्‍प

फिलहाल यस बैंक और आईडीबीआई बैंक में फ्लोटिंग रेट एफडी का विकल्‍प मिल सकता है. आईडीबीआई बैंक में हर तीन महीने के अंतराल पर (1 अप्रैल, 1 जुलाई, 1 अक्‍टूबर और 1 जनवरी) इंटरेस्‍ट को रीसेट किया जाता है. इसके अलावा आप यस बैंक में भी ये एफडी करवा सकते हैं. यस बैंक में आप 18 महीने और उससे अधिक की अवधि वाली एफडी कर बेहतर ब्‍याज प्राप्‍त कर सकते हैं.

ध्‍यान रहे

फ्लोटिंग रेट एफडी का फायदा आपको रेपो रेट बढ़ने के दौर में ही मिल सकता है. गिरती ब्‍याज दरों के बीच आपको नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. यानी फ्लोटिंग रेट एफडी में आपको एक रिस्‍क के साथ निवेश करना होता है. अगर आप रिस्‍क के लिए तैयार नहीं हैं तो आप सामान्‍य फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट या निवेश के किसी अन्‍य बेहतर ऑप्‍शन को चुन सकते हैं. सामान्‍य फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में आप जिस ब्‍याज दर के साथ पैसा फिक्‍स करते हैं, मैच्‍योरिटी तक उस ब्‍याज दर में कोई बदलाव नहीं होता है.

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