RBI MPC Updates: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया. MPC ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4 फीसदी (Repo Rate) पर बरकरार है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कमिटी ने एक राय से पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी (Reverse repo rate) पर स्थित रहेगी. जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 4.25 फीसदी रहेगा. रिजर्व बैंक गवर्नर ने पॉलिसी का रुख 'अकोमोडेटिव' रखा है. केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने लगातार 8वीं बार ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.  

RBI MPC: ब्‍याज दरों में क्‍यों नहीं हुआ बदलाव

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी का एलान करते हुए कहा कि सर्वसम्‍मति से ब्‍याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है. वहीं, कमिटी में 5-1 के फैसले से पॉलिसी के रुख 'अकोमोडेटिव' रखा गया है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि इकोनॉमिक एक्टिविटी में उम्मीद से अच्छा सुधार हुआ है. वहीं, जुलाई में CPI महंगाई उम्मीद से कम रही है. इसके अलावा, डिमांड में सुधार हो रहा है. हालांकि, आउटपुट कोरोना  के स्‍तर से कम है.

FY22 में महंगाई दर 5.3% रहने का अनुमान 

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि जुलाई-अगस्‍त में CPI इनफ्लेशन में नरमी आई है. डिमांड आउटलुक में सुधार हो रहा है. केंद्रीय बैंक ने FY22 के लिए खुदरा महंगाई दर (CPI) का अनुमान 5.3 फीसदी कर दिया है. अगस्‍त की पॉलिसी समीक्षा में आरबीआई ने रिटेल महंगाई 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जतायसा था.  FY 2022-23 की पहली तिमाही के लिए आरबीआई ने रिटेल महंगाई का अनुमान 5.2 फीसदी जताया है.

FY22 में GDP ग्रोथ 9.5% रहेगी: RBI

आरबीआई गवर्नर ने FY22 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. यह 9.5 फीसदी पर बरकार रहेगी. आरबीआई ने जुलाई-सितंबर 2021 के लिए 7.9 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर 2021 के लिए 6.8 फीसदी और जनवरी-मार्च 2022 के लिए 6.1 फीसदी किया है. आरबीआई ने वित्‍त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में रीयल जीडीपी ग्रोथ 17.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. बता दें, रेपो रेट (Repo Rate) वह ब्‍याज दर होती है, जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट घटने का मतलब है कि बैंकों के लिए लोन सस्‍ता होगा और वे कस्‍टमर को भी सस्‍ता लोन देंगे. 

Zee Business Hindi Live यहां देखें