RBI Monetary policy latest update: कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी को लेकर पैदा हुई अनिश्चितता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की तरफ से आगामी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों (Interest rates) के मोर्चे पर पूर्व की स्थिति कायम रखे जाने की उम्मीद है. पीटीआई की खबर के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक (RBI) बढ़ोतरी को प्रोत्साहन के उपाय करने से पहले अभी कुछ समय और इंतजार करेगा.

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7 अप्रैल को होगी घोषणा (The announcement will be on April 7)

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Reserve Bank of India Governor Shaktikant Das) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की मीटिंग के बाद केंद्रीय बैंक 7 अप्रैल को 2021-22 के वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा. इससे पहले 5 फरवरी को पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था. विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक अपने नरम रुख को जारी रखेगा और किसी मौद्रिक कार्रवाई के लिए उचित अवसर का इंतजार करेगा, जिससे मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के मुख्य लक्ष्य के साथ वृद्धि को प्रोत्साहन के उपाय भी किए जा सकें.

कर्ज की लागत में बढ़ोतरी को रोकने की चुनौती (The challenge to stop the rise in the cost of debt)

खबर के मुताबिक, डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से कई राज्यों ने नए अंकुश लगाए हैं जिससे औद्योगिक उत्पादन में फिर से तेजी को लेकर आशंका पैदा हो गई है. डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि लंबी अवधि की प्राप्ति आसान नहीं है जिससे कर्ज की लागत बढ़ी है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में रिजर्व बैंक के समक्ष मुद्रास्फीति दबाव का प्रबंधन करने के साथ कर्ज की लागत में बढ़ोतरी को रोकने की मुश्किल चुनौती है.

उपभोक्ता महंगाई अभी स्थिर नहीं (Consumer inflation not yet stable)

एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति अभी स्थिर नहीं हो पाई है. फरवरी, 2020 से रेपो दर में भी 1.15 प्रतिशत की उल्लेखनीय कटौती की गई है. ऐसे में रिजर्व बैंक संभवत: नीतिगत दरों को यथावत रखेगा. पुरी ने कहा कि केंद्रीय बैंक की निगाह मुद्रास्फीति और आर्थिक पुनरुद्धार पर रहेगी. उन्होंने कहा कि भारत में महामारी का दूसरा दौर शुरू हो गया है. कई राज्यों और शहरों में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में इस बात की संभावना ज्यादा बनती है कि रिजर्व बैंक यथास्थिति कायम रखेगा.

रिजर्व बैंक पर दबाव बढ़ेगा (Pressure will increase on the Reserve Bank)

यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक निकट भविष्य के लिए तरलता को संतोषजनक स्तर पर रखेगा, जिससे सरकार के उधारी कार्यक्रम में किसी तरह की अड़चन नहीं आए. साथ ही केंद्रीय बैंक कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने का प्रयास करेगा. इस बीच, आनंद राठी की रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति का नरम रुख हाल के समय में पलटा है, जिससे रिजर्व बैंक पर दबाव बढ़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य मुद्रास्फीति बढ़ने से रिजर्व बैंक के लिए मुश्किल होगी. इसके बावजूद वृद्धि की चिंता के बीच केंद्रीय बैंक नरम मौद्रिक रुख को जारी रखेगा.

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