भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा करने की ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है. आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था. 

समीक्षा की गुंजाइश नहीं

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दास ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है. उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई व्यापक मूल्यांकन के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है. दास ने इस बात पर जोर दिया कि नियामक वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षेत्र का समर्थन करता है, और वह ग्राहकों के हितों की रक्षा के साथ ही वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक जल्द ही पेटीएम मामले पर FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) जारी करेगा. 

गवर्नर ने उठाये थे सवाल

अभी पिछले हफ्ते मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी इस मामले में सख्ती भरे बयान दिए थे. सेंट्रल बैंक की कार्रवाई को लेकर सवाल पूछे जाने पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पेटीएम का नाम लिए बिना कहा कि यदि सभी चीजों का अनुपालन किया गया होता, तो केंद्रीय बैंक किसी विनियमन वाली इकाई के खिलाफ कार्रवाई क्यों करता?  उन्होंने कहा कि पेटीएम मामले को लेकर व्यवस्था के बारे में चिंता की कोई बात नहीं, हम केवल भुगतान बैंक की बात कर रहे हैं. 

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन ने कहा था कि ‘‘लगातार गैर-अनुपालन’’ के लिए पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की गई, सुधारात्मक कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय दिया गया था.