RBI Penalty: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2022-23 के दौरान मानदंडों के उल्लंघन के लिए बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और अन्य संस्थाओं पर 40.39 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने सोमवार को लोक सभा में एक लिखित उत्तर में ये बात कही. 14.04 करोड़ रुपए के जुर्माने वाले इनमें से 176 मामले सहकारी बैंकों से संबंधित थे.

इन बैंकों पर कसी लगाम

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निजी क्षेत्र के बैंकों पर 12.17 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) पर 3.65 करोड़ रुपए, विदेशी बैंकों पर 4.65 करोड़ रुपए और NBFC पर 4.39 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया. मंत्री ने कहा, RBI ने सूचित किया है कि उसके लिए विभिन्न कानूनों और निर्देशों के उल्लंघन के लिए विनियमित संस्थाओं पर मौद्रिक दंड लगाने के रूप में प्रवर्तन कार्रवाई जरूरी है. उन्होंने कहा कि RBI ने बैंकों, NBFC और HFC की ओर से अपनाए जाने वाले उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश जारी किए और इनमें लोन देने के अलग-अलग पहलुओं को शामिल किया गया.

कस्टमर्स पर होगा क्या असर

रिजर्व बैंक ने कहा कि इन सभी मामलों में, जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है.

नवंबर में इन बैंकों पर लगा था जुर्माना

विभिन्न नियामक मानदंडों का अनुपालन नहीं करने पर पांच सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया गया था. जिन सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया गया था, उनमें द पाटलिपुत्र सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक, बिहार, बालासोर भद्रक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, ओडिशा, ध्रांगध्रा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक, गुजरात, पाटन नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, गुजरात और मंडल नागरिक सहकारी बैंक, गुजरात शामिल हैं.