Card Tokenisation: ग्राहकों के कार्ड डिटेल्स को सुरक्षित रखने के लिए रिजर्व बैंक(RBI)  के कार्ड टोकनाइजेशन की समय सीमा (डेडलाइन) को रिजर्व बैंक ने तीन महीने बढ़ा दिया है. अब कार्ड टोकनाइजेशन की समयसीमा 30 सितंबर तक होगी. रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक टोकनाइजेशन लागू होने के बाद कार्ड लेनदेन या भुगतान में बैंक या कार्ड नेटवर्क के अलावा कोई भी कार्ड डेटा स्टोरेज नहीं करेगा. अभी किसी के पास डाटा स्टोरेज है तो सभी कंपनियों को उस  डाटा को डिलीट करना होगा, यानी आप कार्ड टोकनाइजेशन को नहीं अपनाते हैं तो ई-कॉमर्स वेबसाइट पर शॉपिंग करते वक्त आपको 16 डिजिट कार्ड नबंर डालना जरूरी होगा.  

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अब तक 4 जगह तक स्टोर होता था आपका डाटा

अभी किसी कार्ड का डाटा 4 जगह तक स्टोर होता था. उदाहरण के लिए अगर आप किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से शॉपिंग कर रहे हैं तो आपकी कार्ड की डिटेल ई-कॉमर्स वेबसाइट के पास होती थी. कुछ वेबसाइट पर आपने जिस पेमेंट एग्रीगेटर से भुगतान किया उसके पास भी आपकी कार्ड की डिटेल रहती थी. इसके अलावा कार्ड जारी करने वाले बैंक और कार्ड नेटवर्क की कंपनी के पास भी आपके कार्ड की डिटेल रहती है.  

हर पमेंट पर 16 डिजिट की पूरी डिटेल्स डालनी पड़ेगी

ईकॉमर्स वेबसाइट या ग्राहक को अपने कार्ड पेमेंट का टोकन (Card Tokenisation) जनरेट करना होगा या फिर हर पमेंट पर 16 डिजिट की पूरी डिटेल्स डालनी पड़ेगी. सिर्फ एक बार वेबसाइट या जिस तरह का पेमेंट किया जा रहा है वहां पर अपनी मंजूरी देनी होगी. लेकिन ई-कॉमर्स वेबसाइट समेत तमाम मर्चेंट्स को अब बैंकों के साथ अलग से करार करना पड़ेगा. अगर कोई वेबसाइट किसी चुनिंदा बैंक के साथ करार नहीं करती है तो फिर उस बैंक के ग्राहक को पेमेंट करने में दिक्कत आ सकती है.

सभी तरह के पेमेंट पर यह नियम लागू होंगे

कार्ड ऑन फाइल डेटा टोकनाइजेशन (Card Tokenisation) के नियम तमाम तरह के पेमेंट पर लागू होंगे. जैसे कि अगर आप अपने डेस्कटॉप के जरिए पेमेंट करते हैं, मोबाइल बैंकिंग से पेमेंट करते हैं, स्मार्ट वॉच के जरिए पेमेंट किया जाता है सभी तरह के पेमेंट पर यह नियम लागू होंगे. इससे ग्राहकों के डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा. कुछ कंपनियों की 30 जून से टोकनाइजेशन लागू करने की तैयारी नहीं थी. इसलिए टोकनाइजेशन को लागू करने की मियाद 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर तक की गई है.

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अभी तक करीब 20 करोड़ टोकन हुई हैं जारी 

रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, अबतक करीब 20 करोड़ टोकन जेनरेट हुए हैं. विदेशी मर्चेंट्स ने भी बड़ी संख्या में टोकन जनरेट किए हैं. टोकनाइजेशन (Card Tokenisation) के बिना 16 डिजिट कार्ड डिटेल्स भरना जरूरी होगा. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म नेटवर्क के साथ मिलकर एक टोकन नंबर देगा. टोकन हर कार्ड (debit card payment rule) के साथ लिंक होगा. टोकन के बाद व्यापारी वेबसाइटों/ऐप्स पर रखे गए कार्ड डिटेल्स को नष्ट कर दिया जाएगा.