केंद्रीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें बैंकों को नए निर्देश दिए गए हैं कि वो ग्राहकों को नई Card-on-File (CoF) token सुविधा दें. ई-कॉमर्स ऐप्लीकेशंस पर आपने भी अपनी कार्ड डीटेल सेव करके रखी होंगी, जो टोकन के तौर पर सेव होगा, लेकिन अभी तक ये सुविधा वेबपेज या मर्चेंट के ऐप्लीकेशन पर उपलब्ध थी. वहीं टोकनाइजेशन बनाया जा सकता था. अब आरबीआई ने कहा है कि ये सुविधा अब बैंक और दूसरी संस्थाएं अपने लेवल पर प्रोवाइड कराएं.

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आरबीआई की ओर से बुधवार को ये सर्कुलर जारी किया गया है, जिसके बाद से कार्ड जारी करने वाले बैंक के लेवल पर ही CoF टोकन बनाने की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की तैयारी शुरू हो रही है. 

आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि "ये फैसला लिया गया है कि अब कार्ड ऑन फाइल टोकनाइजेशन की सुविधा सीधे बैंकों और ऐसी संस्थाओं के जरिए ही उपलब्ध करा दिया जाए. इससे कार्डहोल्डर्स को अलग-अलग मर्चेंट वेबसाइट पर अपने कार्ड को एक सिंगल प्रोसेस के जरिए टोकनाइज करने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा." आरबीआई ने ये सर्कुलर भी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स के लिए जारी किया है.

बता दें कि मर्चेंट वेबसाइट पर कार्डहोल्डर्स की ओर से अपनी कार्ड की डीटेल्स सेव करने की बजाय डेटा सुरक्षित रखने के उद्देश्य से आरबीआई ने कार्ड टोकनाइजेशन का नियम शुरू किया था. इसकी घोषणा सितंबर, 2021 में की गई थी और इसे 1 अक्टूबर, 2022 से लागू कर दिया गया. अभी तक 56 करोड़ टोकन बनाए जा चुके हैं, जिनपर 5 लाख करोड़ का ट्रांजैक्शन किया जा चुका है. आरबीआई का कहना है कि टोकनाइजेशन से ट्रांजैक्शन सिक्योरिटी और ट्रांजैक्शन अप्रूवल रेट दोनों में सुधार आया है.

(IANS से इनपुट)