डिजिटल लैंडिंग कंपनियों और NBFC कंपनियों के द्वारा जबरन वसूली, ज्यादा ब्याज दर जैसी शिकायतों के बारे में बोलते हुए रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव (RBI Deputy Governor M Rajeswara Rao) ने NBFC सेक्टर में जिम्मेदाराना कल्चर बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कंपनियों को छोटे मुनाफे के लिए फाइनेंस के मुल्यों के साथ समझौता नहीं करने की सीख दी है. 

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पूरे सिस्टम की साख पर असर

CII की NBFC समिट में डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव (M Rajeswara Rao) ने कोरोना काल में कुछ कंपनियों द्वारा जबरन वसूली की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि कारोबारिक हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ घटनाओं से पूरे सिस्टम की साख पर असर पड़ा है जो विश्वास पर ही चलती है.  

डेटा प्राइवेसी, रिकवरी की धमकियां, ज्यादा ब्याज की मिलीं हैं शिकायत

राव ने कहा कि छोटे फायदों के लिए फाइनेंस के मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान डिजिटल लैंडर्स के द्वारा जबरन वसूली से NBFC कंपनियों की साख पर असर पड़ा है. डेटा प्राइवेसी, रिकवरी की धमकियां, ज्यादा ब्याज दरों की RBI को बड़ी शिकायतें मिलीं हैं. 

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लोन रिकवरी से जुड़ी गाइडलाइंस

एनबीएफसी की तरफ से बढ़ी हुई घटनाओं के बाद रिजर्व बैंक लोन रिकवरी से जुड़ी गाइडलाइंस लेकर आया. उन्होंने कहा कि छोटे फायदे के लिए फाइनेंस के मूल्यों के साथ कंपनियों को समझौता नहीं करना चाहिए. NBFC सेक्टर में जिम्मेदार कल्चर बनाने की जरूरत है.