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सरकारी बैंकों के फिजूलखर्ची पर चली कैंची, नई कार खरीदना-होटल में आवभगत सब बंद

सरकारी बैंकों को फिजूलखर्ची में कटौती करनी होगी. फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने स्टेट बैंक सहित सभी सरकारी बैंकों को ये निर्देश दिया है. वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले वित्तीय सेवा मामलों के विभाग ने बुधवार को इससे जुड़ा आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि केवल उसी मद में खर्च किया जाए जो वाकई में ज़रूरी हो. बैंक के मूल कामकाज के लिए खर्च किया जाना जरूरी हो. Coronavirus महामारी के कारण इकोनॉमी काफी सुस्‍त पड़ गई है. इसलिए सरकार के स्‍तर पर खर्चों में कटौती करने की मुहिम चल रही है.
Updated on: June 18, 2020, 02.17 PM IST
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कारों पर खर्च में कटौती

ऐसे सभी खर्च जिसमें कमी से बैंक का मुख्य कामकाज और ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाएं प्रभावित न हों, उनमें कटौती का आदेश है. जैसे कि स्टाफ के लिए कारों की खरीद. आदेश है कि अगर काम न चल पाने की स्थिति में ही खरीदारी की जाए.  

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सजाने संवारने पर खर्च

साथ ही एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस जहां ग्राहक का सीधा आना-जाना न हो ऐसी इमारतों में सजाने संवारने पर खर्च नहीं किया जाए. गेस्ट हाउसेज़ को सजाने संवारने के खर्चों में भी कटौती के लिए कहा गया है.  

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एंटरटेनमेंट-पब्लिसिटी

कुछ खर्चों मे कम से कम 20 फीसदी की कटौती करने का आदेश है. जिनमें एंटरटेनमेंट, प्रचार-प्रसार, यात्रा और मीटिंग पर होने वाले खर्च शामिल हैं. प्रचार प्रसार के खर्चों के लिए प्रेस रिलीज़ और सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ाने की नसीहत है.

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होटल, गेस्ट हाउस आदि

बैठकों के लिए होटल आदि की जगह बैंकों के अपने ऑफिस, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आदि का इस्तेमाल करना होगा. किराये पर ली गई गाड़ियों, गेस्ट हाउस के उपयोगिता की समीक्षा भी करने को कहा गया है. कर्मचारियों को दी जानी वाली दूसरी सुविधाओं को भी टालने के लिए निर्देश है.  

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कर्मचारियों को सुविधाएं

जैसे कि ऑफिस की कार, फर्नीचर, किराये पर कर्मचारियों के लिए लिया गया मकान आदि. निर्देश है कि इन खर्चों में कटौती का प्रस्ताव सभी बैंक अपने-अपने बोर्ड की अगली बैठक में रखेंगे. उसके बाद इस पर अमल करेंगे. बैंक प्रमुखों से कहा गया है कि वे कर्मचारियों से इन प्रस्तावित खर्चों पर अमल कराएंगे.

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मामले की जड़ क्या है?

ताजा मामले का ट्रिगर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़ा बताया जा रहा है. पंजाब नेशनल बैंक ने अपने 3 फुल टाइम डायरेक्टर्स के लिए 3 ऑडी कार खरीदी थी. जिनकी कीमत पौने दो करोड़ रुपए से ज्‍यादा थी. चूंकि बैंक की स्थिति अच्छी नहीं है फिर भी इतनी बड़ी रकम कारों पर खर्च करने पर कर्मचारी संगठनों ने ऐतराज़ जाताया था. शिकायत वित्त मंत्रालय तक भी पहुंची थी.  

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बढ़ते NPA से मुनाफे पर मार

ये भी सच है कि ज्यादातर सरकारी बैंकों की हालत खराब है. क्योंकि डूबे कर्ज़ की बढ़ती रकम बैंकों का मुनाफा खा रही है. ऐसे में बैंकों को मजबूत बनाए रखने के लिए सरकार को पूंजी डालनी पड़ रही है. बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच का अनुमान है कि सरकारी बैंकों को करीब सवा लाख करोड़ रुपए की और पूंजी की ज़रूरत पड़ सकती है. जबकि कोरोना संकट की वजह से पहले से ही सरकार की आमदनी पर दबाव है. इस स्थिति में सरकार चाहती है कि बैंक घाटा कम करने के लिए खर्चों को भी कम करें.