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बैंक लाइसेंस कैंसिल होने पर भी ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, 99% डिपॉजिटर्स को मिलेंगे पूरे पैसे

आरबीआई के संचार विभाग के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने ट्वीट किया, बैंक के 1,32,170 जमाकर्ताओं में से लगभग 99.2 प्रतिशत को डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि का पूरा भुगतान मिलेगा. बैंक के ग्राहकों के लिए ये अच्छी खबर है.
Updated on: May 04, 2020, 11.47 AM IST
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99 फीसदी डिपॉजिटर्स को मिलेगा पूरा पैसा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक CKP Co-operative Bank के 99 फीसदी से अधिक जमाकर्ताओं (Depositors) को उनका पूरा पैसा 'जमा बीमा एवं लोन गारंटी निगम (DICGC) के जरिए दिया जाएगा. केंद्रीय बैंक के इस स्पष्टीकरण से बैंक के 1.32 लाख जमाकर्ताओं की बड़ी राहत मिली है. सीकेपी बैंक की वेबसाइट (Website) के अनुसार, उसके पास 485.56 करोड़ रुपये का कुल जमा, 161.17 करोड़ रुपये के लोन और 239.18 करोड़ रुपये का निगेटिव नेटवर्थ है.  

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इसलिए उठाया ये कदम

आरबीआई के संचार विभाग के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल  के मुताबिक बैंक ने 2014 से ही अपनी गतिविधियों को बंद कर दिया था. इसके पहले 31 मार्च को अवधि बढ़ाकर 31 मई की गई थी, लेकिन आरबीआई ने उसके पहले ही बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस बैंक के रिवाइवर की कोई संभावना नहीं थी, इसको देखते हुए बैंक का लाइसेंस कैंसिल करना पड़ा.  

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बैंक की स्थिति खराब है

RBI ने कहा, इस बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक जोखिम भरी और अस्थिर है. इसके लिए कोई मजबूत रिवाइवल या अन्य बैंक के साथ विलय का प्लान नहीं है. बैंक प्रबंधन की तरफ से भी अनिवार्य प्रतिबद्धता नहीं दिखाई दे रही है. आरबीआई ने कहा कि बैंक ऐसी स्थिति में नहीं है कि वो अपने मौजूदा या ​भविष्य के डिपॉजिटर्स को पेमेंट कर सके. साथ ही बैंक तय किए गए न्यूनतम पूंजीगत जरूरतों के नियम का भी उल्लंघन किया है.  

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डिपॉजिटर्स को ज्यादा से ज्यादा 5 लाख रुपये मिल सकेंगे

आरबीआई की ओर से अब बैंक का लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद लिक्विडेशन प्रक्रिया (Liquidation process) शुरू की जाएगी. इसके साथ ही डीआईसीजीसी एक्ट (DICGC Act), 1961 भी प्रभावी होगा. इसके तहत CKP को-ऑपरेटिव बैंक के मौजूदा ग्राहकों और जमाकर्ताओं को पेमेंट किया जाएगा. डीआईसीजीसी के इस नियमों के तहत इस बैंकों के डिपॉजिटर्स को उनके डिपॉजिट के आधार पर अधिकतम 5 लाख रुपये तक दिए जाएंगे.  

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क्या है DICGC एक्ट, 1961

DICGC एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के प्रावधानों के तहत, अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो DICGC प्रत्येक जमाकर्ता को उसके खाते के आधार पर पैसे चुकाता है. उसकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है. ऐसे में खाता धारक को अधिकतम 5 लाख रुपये ही मिलेंगे. अगर एक ही बैंक में आपके कई खाते हैं और आपका बैंक डूब जाता है तो भी आपको अधिकतम पांच लाख रुपये ही मिलेंगे. इसमें मूलधन और ब्‍याज (Principal and Interest) दोनों को शामिल किया जाता है.