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Loan Settlement का फैसला कर ही लिया है तो समझौते के दौरान याद रखें ये बातें, ताकि बाद में न बढ़े मुश्किल

अगर आप लोन लेने के बाद उसे चुका नहीं पा रहे हैं और लगातार कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं तो तो लोन सेटलमेंट का ऑप्‍शन आपको दिया जा सकता है.
Updated on: April 19, 2024, 03.44 PM IST
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मोलभाव की शुरुआत 30% से करें

लेनदार हमेशा ये चाहता है कि आपसे सेटलमेंट के दौरान भी ज्‍यादा से ज्‍यादा राशि ली जा सके, इसलिए आप सेटलमेंट के लिए अपनी तरफ से बहुत कम पेशकश करें. आप अपनी बकाया राशि का 30% से बातचीत करके शुरू करें.  

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बैंक के इस प्रस्‍ताव को न मानें

बैंक आपको इसके लिए इनकार कर सकता है. बैंक की ओर से आपको लोन सेटलमेंट के लिए 80 प्रतिशत तक राशि का भुगतान करने का प्रस्‍ताव दिया जा सकता है, लेकिन आपको इसके लिए इनकार करना होगा. इसके बाद बैंक 70 प्रतिशत भुगतान करने के लिए कह सकती है, लेकिन आपको इस प्रस्‍ताव को भी ठुकराना है.  

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सेटलमेंट अमाउंट को 50% लाने का प्रयास करें

किसी तरह आपको सेटलमेंट के अमाउंट को 50 प्रतिशत पर लाने का प्रयास करना है. अगर बात बन जाती है, तो लोन को 50% पर फाइनल करें. इससे आपको काफी राहत मिल जाएगी.

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समझौते के दौरान लेनदार से ये अनुरोध करें

समझौते के दौरान लेनदार से ये अनुरोध करें कि वो आपको एक लिखित समझौता भेजें, कि आपका भुगतान ऋण के लिए आपकी किसी भी कानूनी जिम्मेदारी को समाप्त कर देगा. 

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इस बात को ध्‍यान रखें

लोन सेटलमेंट की स्थिति में माना जाता है कि उधार लेने वाले के पास लोन को चुकाने के पैसे नहीं थे. ऐसे में उधारकर्ता का क्रेडिट स्‍कोर कम हो जाता है. ये 50 से 100 पॉइंट या उससे भी ज्‍यादा कम हो सकता है. इसलिए भविष्‍य में जब भी आपके पास लोन का बकाया अमाउंट चुकाने का पैसा हो, आप उसे जरूर चुकाएं, ताकि आपका लोन पूरी तरह से क्‍लोज हो सके और आपका क्रेडिट स्‍कोर फिर से बेहतर हो सके.