Emi न भरने पर 6 महीने नहीं आएगा कोई नोटिस, दिवाला कानून पर आया अध्यादेश
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus mahamari) के दौरान अगर आपकी Emi बाउंस हो जाती है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. बैंक आप के खिलाफ 6 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं करेगा. क्योंकि सरकार ने इस नियम में ढील दी है. सरकार ने दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया है.
Updated on: June 06, 2020, 03.15 PM IST
बता दें कि कोरोना वायरस पर रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है. 25 मार्च से 6 माह तक कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं होगी. इस कदम से कंपनियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लागू राष्ट्रव्यापी बंद से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
अध्यादेश में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 या उसके बाद डिफॉल्ट के किसी मामले में 6 महीने या उससे आगे (1 साल से अधिक नहीं) दिवाला कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. इसमें कहा गया है कि किसी कॉरपोरेट कर्जदार के खिलाफ इस दौरान कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के तहत आवेदन नहीं किया जा सकेगा. इसके लिए सीआईआरपी प्रक्रिया को निलंबित किया गया है.
संहिता की तीन धाराएं....7, 9 और 10 छह माह की अवधि के लिए लागू नहीं होंगी. इस संदर्भ में IBC में एक नई धारा 10ए डाली गई है. धारा 7 और 9 वित्तीय और परिचालन के लिए कर्ज देने वालों द्वारा दिवाला कार्रवाई शुरू करने से संबंधित है. धारा 10 कॉरपोरेट आवेदकों से संबंधित है.
IBC के तहत कोई भी इकाई किसी कंपनी द्वारा कर्ज भुगतान में एक दिन की चूक होने पर भी दिवाला कार्रवाई के लिए आवेदन कर सकती है. इसके लिए न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये है. पहले यह सीमा एक लाख रुपये थी.
वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 मई को कहा था कि सरकार दिवाला कानून के तहत कई रियायतें उपलब्ध कराएगी. इसके तहत एक साल तक के लिए नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी.