• होम
  • तस्वीरें
  • Credit History न होने के कारण बैंक नहीं दे रहा क्रेडिट कार्ड, अब क्‍या करें...कैसे तैयार करें क्रेडिट हिस्‍ट्री

Credit History न होने के कारण बैंक नहीं दे रहा क्रेडिट कार्ड, अब क्‍या करें...कैसे तैयार करें क्रेडिट हिस्‍ट्री

अगर आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री न होने के कारण बैंक आपको क्रेडिट कार्ड नहीं दे रहे हैं, तो परेशान न हों. यहां जानिए वो तरीका जिससे आप आसानी से अपने क्रेडिट रिपोर्ट को तैयार कर सकते हैं.
Updated on: April 19, 2024, 11.52 AM IST
1/5

पहले समझिए कब माइनस में होता है क्रेडिट स्‍कोर

सिबिल स्‍कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित होता है. 750 या इससे ऊपर के सिबिल स्‍कोर को अच्‍छा माना जाता है. लेकिन अगर आपने कभी कोई लोन नहीं लिया है, तो ऐसे में आपकी कोई क्रेडिट हिस्‍ट्री नहीं होती. इस स्थिति में आपका क्रेडिट स्‍कोर -1 हो जाता है. 

2/5

क्‍या माइनस सिबिल स्‍कोर को बढ़ाया जा सकता है?

जी हां, माइनस सिबिल स्‍कोर को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए आपको लोन लेना होगा. लेकिन माइनस सिबिल स्‍कोर के साथ आपको बैंक लोन नहीं देते हैं. ऐसे में आप बैंक में दो छोटी-छोटी 10-10 हजार की एफडी कराएं. एफडी खुलने के बाद उसके एवज में ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत लोन ले लें.

3/5

समय से करें लोन का रीपेमेंट

जैसे ही आप अपनी एफडी पर ओवरड्रॉफ्ट के तहत पैसों की निकासी करेंगे, आपका कर्ज शुरू हो जाएगा. ऐसे में आप उस लोन का रीपेमेंट समय से करें. इससे जल्‍द ही आपका क्रेडिट स्‍कोर बढ़ जाएगा. इसके बाद आप बैंक से क्रेडिट कार्ड या लोन कुछ भी आसानी से ले सकते हैं.

4/5

लोन के मामले में क्‍यों जरूरी है क्रेडिट स्‍कोर?

क्रेडिट स्‍कोर विश्‍वसनीयता का पैमाना होता है. आपका पिछले लोन का रिकॉर्ड जितना बेहतर होगा, क्रेडिट स्‍कोर भी उतना अच्‍छा होगा. क्रेडिट स्‍कोर के जरिए बैंक को आपका लोन रिकॉर्ड पता चलता है. इसलिए लोन के मामले में ये बहुत इंपोर्टेंट फैक्‍टर है.

5/5

कौन तैयार करता है क्रेडिट रिपोर्ट

तमाम क्रेडिट ब्‍यूरो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को जारी करते हैं. इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क जैसी क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियों को प्रमुख माना गया है, इन कंपनियों को लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने, इसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट/ क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है. ये क्रेडिट ब्‍यूरो बैंक और अन्य फाईनेंस संस्थान के पास जमा ग्राहक के डेटा जैसे बकाया लोन राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए लोन / क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन और अन्य क्रेडिट संबंधी जानकारी आदि को लेकर उनका मूल्‍यांकन करते हैं और उसके आधार पर सिबिल स्‍कोर को तैयार करते हैं.