कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी covid 19 पर लगाम लगाने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में बाजारों के 14 अप्रैल तक बंद होने से बैंकिंग और अन्य तरह के लेनदेन पर भी असर पड़ा है. इसको ध्यान में रखते हुए देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने ग्राहकों को अपने पेमेंट्स के सेटलमेंट के लिए तीन महीने का समय देने का फैसला लिया है. इन तीन महीनों के लिए ग्राहकों से कर्ज की राशि पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा.

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इन योजनाओं के तहत कर्ज चुकाने का मिलेगा ज्यादा समय

भरतीय स्टेट बैंक (SBI) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक के ग्राहक बैंक की सेटेलमेंट स्कीमों SBI OTS 2019 / Rin Samadhan 19-20 / General compromise के तहत अपने पेमेंट June 30, 2020 तक आसानी से जमा कर सकते हैं. आइये जानते हैं इन स्कीमों में क्या है नियम.

One Time Settlement (OTS) स्कीम 

बैंक की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत ग्राहक के ग्राहक अगले 30 दिनों में अपने राशि का 5% / 15% and 20% या 25% हिस्सा चुका सकते हैं.  इसके बाद अगले 60 दिनों में कभी भी  June 30, 2020 के पहले कभी भी पूरा पैसा जमा किया जा सकता है. इस स्कीम के तहत पैसा जमा करने पर बैंक कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लेता है.  

ऋण समाधान योजना

बैंक की Rin Samadhan योजना के तहत ग्राहक को एक खास तरह का वन टाइम सेटेलमेंट ऑफर दिया जाता है.  इसके तहत ग्राहक को June 30, 2020 तक एक एकमुश्क रकम बैंक को चुकानी होगी. बाकी बचा पैसा September 30, 2020 तक चुकाया जा सकेगा.  इस स्कीम के तहत लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों को पैसा चुकाने के लिए अधिक समय दिया गया है.

 जनरल कॉम्प्रोमाइज स्कीम

General Compromise category के तहत लोन लेने वाले ग्राहक को March 01, 2020 तक उनका जो बकाया था उसे चुकाने के लिए अगले तीन महीनों का समय दिया जाएगा. इस अवधि के लिए ग्राहक से बकाया पर किसी तरह का ब्याज या जुर्माना नहीं लिया जाएगा.

 

हाल ही में एसबीआई ने ब्याज दरों में की है बड़ी कटौती

SBI interest rate: सबसे बड़े घरेलू बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी है. एसबीआई (SBI) ने आरबीआई (RBI) की रेपो दर (Repo Rate) में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ कर्ज लेने अपने ग्राहकों तक पहुंचाया है. बैंक ने बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर और रेपो दर से जुड़े कर्ज लेने वालों के लिये दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इसके साथ ही अब बैंक से कर्ज लेना सस्ता होगा और इसका असर ईएमआई पर भी पड़ेगा. ताजा घोषणा के बाद एसबीआई का बाहरी मानक दर (EBR) 7.80 प्रतिशत से घटकर 7.05 प्रतिशत सालाना हो गई है. इसी तरह, रेपो से जुड़ी उधारी दर (RLLR) की दर भी 7.40 प्रतिशत से घटकर 6.65 प्रतिशत सालाना हो गई है. नई दरें 1 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएंगी.