Disinvestment of IDBI Bank: आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रुचि पत्र (EoI) मंगाए जाने के बीच यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस बोली प्रक्रिया में कोई बड़ी कंपनी शामिल नहीं हो सकती है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रुचि पत्र दाखिल करने के लिए बनाए जाने वाले गठजोड़ में कोई बड़ी कंपनी अल्पांश शेयरधारक होने के लिए भी दावेदारी नहीं कर सकती है.भाषा की खबर के मुताबिक, बड़ी कंपनियों को इस प्रक्रिया में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई है. 

औद्योगिक घराने को बैंक का प्रमोटर बनने पर रोक 

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खबर के मुताबिक,इसकी वजह यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसी भी औद्योगिक घराने को बैंक का प्रमोटर बनने पर रोक लगाई हुई है. आरबीआई गाइडलाइंस के मुताबिक, कोई औद्योगिक कंपनी निजी क्षेत्र के बैंक में अधिकतम 10 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले सकती है, लेकिन वह प्रमोटर नहीं बन सकती.सरकार और एलआईसी दोनों मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं. 

रुचि पत्र दाखिल करने को कहा गया 

हिस्सेदारी बिक्री (IDBI Bank disinvestment) के लिए इच्छुक बोलीकर्ताओं से रुचि पत्र दाखिल करने को कहा गया है लेकिन इस प्रक्रिया में बड़ी कंपनियों को शामिल होने से रोक दिया गया है. निविदा दस्तावेजों में 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा परिसंपत्तियों वाली कंपनी को बड़े औद्योगिक घराने के रूप में परिभाषित किया गया है. इस संदर्भ में एक अधिकारी ने कहा कि अगर किसी गठजोड़ को निविदा प्रक्रिया में विजेता घोषित किया जाता है तो उसे प्रमोटर के रूप में कैटेगराइज किया जाएगा. ऐसी स्थिति में बड़ी कंपनी को गठजोड़ में एक अल्पांश सदस्य के तौर पर भी शामिल करना उसे प्रमोटर का दर्जा दे देगा जो कि आरबीआई के प्रावधानों के खिलाफ होगा.

बोली को लेकर दिलचस्पी 16 दिसंबर तक जताई जा सकती है

खबर के मुताबिक,आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में हिस्सेदारी खरीद (IDBI Bank disinvestment) के लिए बोली को लेकर दिलचस्पी 16 दिसंबर तक जताई जा सकती है. ईओई मिलने के बाद आरबीआई आवेदकों का आकलन करेगा और गृह मंत्रालय सुरक्षा मंजूरी जारी करेगा. उसके बाद ही एलिजिबिल बोलीकर्ता अपनी वित्तीय बोलियां जमा कर पाएंगे.