Moody's upgrades banking system outlook: कोरोना महामारी से उभरती भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को राहत देते हुए मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने मंगलवार को देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए आउटलुक को 'निगेटिव' से 'स्टेबल' कर दिया है. 

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मूडीज ने इसके लिए कोरोना महामारी के बाद से एसेट क्वालिटी में मामूली गिरावट और इकोनॉमिक रिकवरी के साथ क्रेडिट ग्रोथ में संभावित पिकअप का हवाला दिया है.

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मूडीज ने कहा जीडीपी में होगा सुधार

मूडीज ने उम्मीद जताई है कि अगले 12-18 महीनों में भारत की इकोनॉमी में सुधार जारी रहेगा. मूडीज ने कहा कि मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में GDP 9.3 फीसदी और अगले वर्ष 7.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगा. 

क्रेडिट ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा

मूडीज ने अपने बैंकिंग सिस्टम आउटलुक-इंडिया में कहा कि इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आने से क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा. हमें सालाना 10-13 फीसदी बढ़त की उम्मीद है. कमजोर कॉरपोरेट फाइनेंशियल और फाइनेंस कंपनियों में वित्त पोषण की कमी बैंकों के लिए प्रमुख निगेटिव फैक्टर रहे हैं. लेकिन यह जोखिम अब कम हो रहा है. 

कॉरपोरेट लोन की क्वालिटी में सुधार हुआ है, जो कि दर्शाता है कि बैंकों ने इस सेगमेंट में भी सभी पुराने समस्यों को हल किया है.

रिटेल लोन की क्वालिटी गिरी

मूडीज ने कहा कि रिटेल लोन की क्वालिटी में गिरावट आई है, लेकिन एक सीमित सीमा तक ही इसमें गिरावट देखी गई है, क्योंकि बड़े पैमाने पर नौकरियों का नुकसान नहीं हुआ है.

मूडीज ने कहा, "हमने भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए आउटलुक को निगेटिव से स्टेबल करने का निर्णय लिया है. कोरोना वायरस महामारी के शुरुआत के बाद से संपत्ति की क्वालिटी में गिरावट मध्यम रही है और एक बेहतर ऑपरेशन वातावरण संपत्ति की क्वालिटी का समर्थन करेगा. इन सुधारों के चलते क्रेडिट लागत में गिरावट एसेट क्वालिटी से प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार होगा."

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग आउटलुक को 'निगेटिव' से अपग्रेड कर 'स्टेबल' कर दिया था.