इकोनॉमिक स्‍लोडाउन में इंडस्‍ट्री में खपत बढ़ाने के लिए बजट 2020 (Budget 2020) में फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने कोई खास उपाय नहीं किया है. इस बीच, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) कुछ देर में मौद्रिक नीति की समीक्षा का ऐलान करने वाला है. ऐसे में रिजर्व बैंक को इंडस्‍ट्री में खपत बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कटौती के जरिए बड़ा कदम उठाना होगा. हालांकि, कोई भी बदलाव नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं. 

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HDFC बैंक के इकोनॉमिस्‍ट बताते हैं कि बजट ऐलान इकोनॉमी को सपोर्ट करने वाले नहीं हैं. हां, RBI अगली तिमाही समीक्षा में रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती कर सकता है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मौद्रिक नीति समिति यानी छह फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकती है. 

उल्लेखनीय है कि चालू कारोबारी साल में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की बढ़ोतरी दर घटकर एक दशक के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। ऐसे में पॉलिसी मेकर से बढ़ोतरी को प्रोत्साहन के उपायों की मांग उठ रही है. रिजर्व बैंक ने पिछली समीक्षा में यथास्थिति रखकर सभी को हैरान कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर मुद्रास्फीति अनुकूल होने पर स्थितियां वृद्धि की ओर झुकेंगी.

आपको बता दें कि RBI ने पिछली समीक्षा में Repo रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. RBI ने रेपो रेट 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा. वहीं रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी पर बरकरार रखा गया. मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट 5.40 फीसदी पर है.

साल की आखिरी मॉनिटरी पॉलिसी में सभी 6 सदस्यों ने दरें नहीं घटाने के पक्ष में वोट किया था. हालांकि, उम्मीद थी कि ग्रोथ को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.

RBI ने अपनी रिपोर्ट में कारोबारी साल 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए रिटेल महंगाई (CPI) 4.7-5.1 फीसदी रहने का अनुमान रखा है. MPC ने आपसी सहमति से माना कि आगे रेट कट करने की गुंजाइश है. हालांकि, ग्रोथ और महंगाई को देखते हुए फिलहाल रेट कट नहीं करने का फैसला किया गया है.