कोरोना वायरस महामारी () के चलते भारत समेत पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है. पूरे भारत में लॉकडाउन लागू है. दुकान से लेकर बाजार, मॉल से लेकर कारोबार, उद्योग-धंधे बंद पड़े हैं. ऐसे में बहुत से लोगों के सामने अपने मकान, फ्लैट, कार, बाइक या फिर पर्सनल लोन की किस्त भरने का संकट खड़ा हो गया है. सरकार ने ऐसे लोगों को बड़ी राहत देते हुए बैंकों से तीन महीने तक किसी तरह की ईएमआई नहीं वसूलने का आह्वान किया है.

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सरकार के इस आह्वान पर तमाम बैंक आगे आकर लोन की मासिक किस्तों को तीन महीने तक नहीं वसूलने का ऐलान कर रहे हैं. अब तक 5 से अधिक सरकारी बैंकों ने ईएमआई नहीं लेने का बात कही है. 

अब तक इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), केनरा बैंक (Canara Bank), पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab and Sindh Bank), आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank), इंडियन बैंक (Indian Bank), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया  (Central Bank of India), यूको बैंक ( UCO Bank), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) और सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) अपने ग्राहकों से ईएमआई नहीं वसूलने का ऐलान कर चुके हैं. 

सिंडिकेट बैंक ने कहा है कि आवास, वाहन, एमएसएमई कर्ज और अन्य सभी प्रकार के कर्जों के भुगतान 3 महीने के लिए टाल दिए गए हैं.

इंडियन बैंक ने कहा है कि 1 मार्च, 2020 से 3 महीने के लिए कार्यशील पूंजी पर ईएमआई, टर्म लोन की किस्तों और ब्याज , ब्याज के भुगतान को अगले आदेश तक के लिए रद्द कर दिया है.

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने भी कहा है कि आरबीआई के निर्देश पर COVID-19 विनियामक पैकेज के तहत कृषि, होम, ऑटो, पर्सनल, एमएसएमई के लोन की किस्तों के भुगतान में मार्च, अप्रैल और मई महीने में राहत दी गई है. 

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पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी अपने ग्राहकों से कहा है कि लॉकडाउन के चलते लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए मार्च, अप्रैल और मई को दिए जाने वाली किसी भी प्रकार की कर्ज की किस्त के भुगतान को टाल दिया गया है.